Jhansi: बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण विरोधियों को “तुम्हें राम कौ कौल” अभियान ने सिखाया सबक

Jhansi.3 साल में बुंदेलखंड राज्य बनवा देने का वादा 10 वर्ष गुजर जाने पर पूरा नहीं किया गया हैं।
प्रस्तावित बुंदेलखंड राज्य क्षेत्र के नौ सांसदों को रजिस्टर्ड डाक से पत्र लिख कर आग्रह किया गया कि प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर लोक सभा में बुन्देलखण्ड राज्य की मांग उठाई जाए परंतु हमीरपुर के पूर्व सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को छोड़कर किसी सांसद ने लोक सभा में राज्य निर्माण की मांग नहीं उठाई।
मोर्चा ने फैसला लिया कि जो बुंदेलखंड का नहीं वो किसी काम का नहीं के अन्तर्गत जिन सांसदों ने राज्य निर्माण का विरोध किया की “तुम्हें राम कौ कौल” उन्हें हरा दो।
चूकीं सागर एवं दमोह के सांसदों के टिकट काट दिए गए व खजुराहो का चुनाव एकतरफ़ा हो जाने के कारण सागर मंडल की चार लोक सभा क्षेत्र मे राम बंधन नहीं बांधे गए।
*राम कौ कौल अभियान के अन्तर्गत मोर्चा के विरोध के चलते झाँसी, हमीरपुर, बांदा, जालौन एवं दतिया में वर्ष 2019 में इन सांसदों को कुल 2970348 वोट प्राप्त हुए थे पर 2024 के चुनाव में ये वोट घट कर 2522790 रह गए*।
बुंदेलखंड क्षेत्र में बांदा, हमीरपुर एवं जालौन के सांसदों को हार का सामना करना पड़ा। राम कौ कौल अभियान का असर हमीरपुर को भी झेलना पड़ा। हमीरपुर सांसद की मात्र ढाई हजार की हार से राज्य निर्माण आन्दोलन के लिए बहुत बड़ा नुकसान साबित होगा क्योंकि वे ही एकमात्र मर्द सांसद थे
*झाँसी सांसद 2019 में. वोट लेकर 809072 वोट से चुनाव जीते थे जबकि 2024 मे 118756 वोट लेकर मात्र एक लाख से ही जीत सके है। इसी प्रकार 2019 के चुनाव में दतिया सांसद दो लाख वोट से जातीं थी 2024 में मात्र पैसठ हज़ार से जीत पाई*।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के “*तुम्हें राम कौ कौल*” अभियान से मोर्चा के विरोध क्षेत्र मे राज्य विरोधी सांसदों की चूलें हिल गई। ये विरोध लक्ष्य प्राप्ति तक जारी रहेगा।
तीन सांसदों की हार एवं दो सांसदों के प्राप्त वोट एवं घटा जीत का प्रतिशत के चलते बड़ी संख्या मे उपस्थित बुंदेली योद्धाओं ने *जो बुंदेलखंड का नहीं वो किसी काम का नहीं* के नारे लगाते हुए मिष्ठान का वितरण किया गया।
मिष्ठान वितरण के समय मोर्चा ने कहा कि धोखे से कोई भी व्यक्ति बुंदेली योद्धाओं को धमकी देने का दुस्साहस नहीं करे।
मिष्ठान वितरण में मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय के साथ रघुराज शर्मा, हमीदा अंजुम, वरुण अग्रवाल, कुँवर बहादुर आदिम, हनीफ खान, अनिल कश्यप, उत्कर्ष साहू, प्रदीप झा, नरेश वर्मा, रशीद कुरेशी, प्रदीप गुर्जर, अरुण रायकवार, शंकर रायकवार, विजय रायकवार, घनश्याम गौतम, कलाम कुरेशी, प्रेम सपेरा, प्रभु कुशवाहा, बी. आर. बट्टा, शैकी साहू, बंटी सेन आदि बड़ी संख्या में बुंदेली योद्धा उपस्थित रहे।

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