हमाई कैतन देर नई भई, विद्रोही सामने आ गए
झांसी: कहते है कि महत्वाकांक्षाएं जब सिर चढ़कर बोलने लगे, तो समझो कि विद्रोह के हालात बनना मुमकिन है। निकाय चुनाव मे हर किसी को जीत आसान लग रही। बस, एक ही ख्वाहिश है कि बीजेपी से सिंबल यानि चुनाव चिन्ह मिल जाए। नहीं मिला तो? तो क्या, मैदान मे आएंगे। चाहे अकेले ही क्यो…