नई दिल्ली 6 जनवरी। उत्तर प्रदेश की सियासत में बीते रोज सीबीआई की छापेमारी में जो हलचल पैदा की उसमें अब कई नामों के सामने आने की संभावना ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है । कहा जा रहा है कि जांच की आंच अखिलेश यादव के साथ मुलायम परिवार के एक और करीबी की भूमिका की जांच भी संभव है।
सीबीआई की छापेमारी में तत्कालीन खनन मंत्री के रूप में जांच की आंच अखिलेश तक भी पहुंचेगी। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है कि साल 2012 से 2016 तक जो खनन मंत्री रहा उसकी भी गठन विवेचना की जाएगी।
आपको बता दें कि इस दौरान अखिलेश यादव के पास ही खनन विभाग था। इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह उभर कर सामने आ रहा है कि इस जांच में मुलायम परिवार के एक और करीबी को भी भूमिका जांच कि घर में आना लगभग तय है।
आपको बता दें कि तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की डायरी का हिसाब कई बड़े लोगों को महंगा पड़ सकता है । सीबीआई को गायत्री से जुड़े एक डायरी के बारे में जानकारी मिल गई थी, जिसमें उन्होंने कई बड़े नामों के साथ हुए लेन देन का हिसाब किताब रखा था । अवैध खनन की जांच के दौरान गायत्री प्रजापति की यह डायरी चर्चा का विषय बनी हुई थी।
बरहाल उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन तलाश रहे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठजोड़ पर भी इस छापेमारी का असर पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है । राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि इस छापेमारी के बाद या तो यह गठजोड़ कमजोर होगा या इस को और पुख्ता करने में मदद कर सकता है।