अस्पतालों में मरीजों की भरमार, कई गुना बढ़ रही दबाई की खपत

झाँसी | गलती मौसम में एलर्जी के मरीजों की संख्या 30 फ़ीसदी तक बढ़ गई है| इससे एंटी एलर्जिक दवाओ की करीब तीन गुना तो एंटीबायोटिक की ढाई गुना से ज्यादा खपत बढ़ गई है | स्थिति यह है कि कई लोग बिना चिकित्सी परामर्श के सीधे केमिस्ट से दबा खरीद कर खा रहे हैं| डॉक्टर का कहना है कि यह लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है|
दीपावली के दौरान हुई आतिशबाजी से निकले धुएं के कारण कई मरीज सांस फूलना, जुकाम, खांसी, सीने में जकड़न आदि समस्याओं की गिरफ्त में आ गए हैं| महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के विभागअध्यक्ष डॉक्टर रामबाबू ने बताया कि अब सुबह शाम ठंड की शुरू हो गई है| ठंडक में एलर्जी के प्रकोप से सांस की नालियां भी सिकुड़ने लगती हैं | ऐसे में पहले से ही अस्थमा, सीओपीडी, टीवी से लेकर लंग्स फाइब्रोसिस के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है| ऐसे मरीजों को गले में दर्द, छींक आना, सुबह शाम सांस फूलना, खांसी आदि की समस्या हो जाती है | कुछ दिनों बाद बुखार और सर दर्द भी होने लगता है | उन्होंने सलाह दी कि बिना चिकित्सी परामर्श के कोई दवा ना खाएं |

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