नई दिल्ली 6 मईः आइएएस बनने की चाहत दिल मे थी। जोश भरपूर था। तैयारी भी जोरदार थी, लेकिन परीक्षा पास होने मे बार-बार दिक्कत आ रही थी। इसके बाद भी अनुदीप ने हार नहीं मानी। पांचवी बार जब वो सिविल सेवा की परीक्षा मे बैठे, तो अव्वल आकर सभी को चैका दिया।
जोश और जुनून से भरी अनु की कहानी मे काफी रोचकता है। अनु को परीक्षा मे कुल 55.66 फीसद अंक मिले। 1126 अंक पाने वाले अनुदीप को लिखित परीक्षा मे 950 और इन्टरव्यू मे 176 नंबर मिले।
अनु की उम्र 28 साल है। अनु की आगे की कहानी पढ़े।
इससे पहले उन्हें आईआरएस कैडर मिल गया था और उन्हें कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया था. वे अनुदीप भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर तैनात हैं. अनुदीप ने मेटपल्ली स्थित श्री सूर्योदय हाई स्कूल से पढ़ाई की और उसके बाद बीटेक (इलेक्टॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटशन) की पढाई के लिए बिट्स पिलानी में एडमिशन लिया. उन्होंने साल 2011 में ग्रेजुएशन कर ली थी. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर गूगल में नौकरी शुरू कर दी. हालांकि इस दौरान उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी जारी रखी. बता दें कि उन्होंने पहली बार परीक्षा दी तो वो इंटरव्यू में रह गए, उसके बाद उन्होंने 2013 में दूसरी बार परीक्षा दी और आईआरएस पद पर चयनित हुए. हालांकि उन्हें आईएएस बनना था और उन्होंने फिर भी अपनी तैयारी जारी रखी.
इसमें दूसरा स्थान हासिल करने वाली अनु कुमारी को 1124 अंक के साथ 55.50 फीसदी अंक हासिल हुए हैं. इसमें 937 अंक लिखित परीक्षा और 187 अंक इंटरव्यू के शामिल हैं.
तीसरा स्थान हासिल करने वाले सचिन गुप्ता को 55.40 अंक प्राप्त हुए हैं. इसमें 946 लिखित परीक्षा और 176 इंटव्यू में प्राप्त किए नंबर शामिल हैं.
इस परीक्षा में 990वीं रैंक पर हिमांक्षी भारद्वाज रहीं, जिन्होंने 40.98 अंक प्राप्त किए. हिमांक्षी को कुल 830 नंबर मिले, जिसमें लिखित परीक्षा के 687 अंक और इंटरव्यू के 143 अंक शामिल है.