✓ *पीडी रिछारिया, हरिश्चंद्र तिवारी, राहुल राठौर*
*कोंच (जालौन)।* चैत्र नवरात्रि की पंचमी पर शनिवार को बोए गए जवारों की झांकियां खुलीं जिनके दर्शनों को देर रात तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देवी मंदिरों में भी मैया के विशेष श्रृंगार किए गए, दर्शनों के लिए श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ी। प्रतिपदा को बोए गए जवारों की पंचमी की पहली झांकी के दौरान महिलाओं ने देवी गीतों और अचरियों से मैया को प्रसन्न करने का प्रयास किया।
नगर व क्षेत्र में स्थित विभिन्न देवी मंदिरों में पंचमी शनिवार को सुबह से ही जलाभिषेक के लिए महिलाओं की भारी भीड़ रही। उन्होंने जलाभिषेक के बाद विधि विधान से मैया की पूजा अर्चना की। सायं वेला में दर्शनार्थियों की भीड़ और भी अधिक बढ गई। गोधूलि वेला से प्रारंभ हुआ दर्शनों का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। रेलवे लाइन के किनारे स्थित सुप्रसिद्ध माता सिंह वाहिनी, धनुताल स्थित काली माता मंदिर, बड़ी माता मंदिर समेत अन्य सभी देवी मंदिरों में दर्शनार्थियों का देर रात तक तांता लगा रहा। देर शाम मैया के साक्षात् स्वरूप जवारों की भी पंचमी को प्रथम झांकी खुली और श्रद्धालुओं ने उनके दर्शन किए। विद्वतजनों के अनुसार जवारे धन धान्य के प्रतीक हैं और उनका अंकुरण फसलों की पैदावार का संकेत देने वाला है। इन्हें आदिशक्ति का साक्षात् स्वरूप भी माना गया है, ऐसी मान्यता यहां बुंदेलखंड क्षेत्र में जवारों को प्रदान की गई है। रात्रि में जवारों के स्थानों पर महिलाओं द्वारा मैया को प्रसन्न करने के लिये देवी भजन और बुंदेलखंड में प्रचलित अचरियां गाईं गईं।