अहमदाबाद 14 दिसम्बरः कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद 19 तारीख को आने वाले गुजरात चुनाव के नतीजे सबसे ज्यादा राहुल गांधी के लिये असरदार साबित होगे? यह सवाल इसलिये उठ रहा है क्यांेकि आने वाले दिनो मे कई राज्यो मे चुनाव होना है। यदि गुजरात मे कांग्रेस जीत का परचम लहराती है, तो निश्चित ही राहुल गांधी की पार्टी में स्वीकार्यता बढ़ेगी, बल्कि वो मोदी से कहीं बढ़कर चुनाव विजेता बनकर उभरेगे।
पिछले कुछ महीने से राहुल गांधी गुजरात चुनाव पर फोकस किये हुये है। यह फोकस इसलिये नहीं है कि वहां से बीजेपी के गढ़ को ध्वस्त करना है। राहुल की ताजपोशी से पहले हो रही तैयारियो मे यह राज छिपा है कि गुजरात जीत ही उनके भविष्य की गारंटी पैदा करेगा।
नये कलेवर और नये तेवर मे नजर आने वाले राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव के दौरान जिस प्रकार मणिशंकर को बयान के बाद बाहर का रास्ता दिखाया उससे साफ हो गया है कि वो कांग्रेस को लचीले पैटर्न से बाहर निकालने की तैयारी मे है। पहले गलती के बाद भी बाहर का रास्ता दिखाना कांग्रेस मे नहीं होता था। जानकर मान रहे है कि मणिशंकर के खिलाफ राहुल की सख्ती दूसरे कांग्रेसियांे के लिये संदेश है कि सिर्फ और सिर्फ काम ही राहुल का मुख्य एजेंडा होगा?
राहुल के लिए गुजरात जीतना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि उनकी अपनी पार्टी में उन्हें गंभीरता से लिया जाए, इसके लिए आवश्यक है कि वो खुद को साबित कर पाएं. राहुल पूरा ज़ोर लगाकर भी अगर गुजरात में कांग्रेस की नैया पार नहीं लगा पाते हैं तो वो किस आधार पर बाकी राज्यों में अपने पार्टी के चेहरों से जीत की गारंटी का वचन लेंगे. आने वाले दिनों में राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में चुनाव होंगे. वहां भी पार्टी के नए नेता उभर रहे हैं. राहुल उनसे जीत की गारंटी तभी मांग सकते हैं जब वो खुद ऐसा करके दिखाएं.
ऐसे मे गुजरात जीतना उनके इस काम करने की शैली पर मुहर लगा देगा
