नई दिल्ली 3 सिंतबर। मोक्छ प्रदान करने वाली गंगा सबसे ज्यादा संकट में है। ये खुलासा वर्ड वाइड फंड की रिपोर्ट में हुआ है।इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार के दावे कटघरे में खड़े हो गए है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नदी में बाढ़ और सुखे की सिथति पैदा ही रही है।
उत्तराखंड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक गंगा विशाल भू-भाग को सींचती है. गंगा भारत में 2,071 किमी और उसके बाद बांग्लादेश में अपनी सहायक नदियों के साथ 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है.
रिपोर्ट के बाद सरकार भी सकते में है।गंगा का भारतीय इतिहास में बिशेष स्थान है।
गंगा उत्तराखंड में 110 किमी, उत्तर प्रदेश में 1,450 किलोमीटर, बिहार में 445 किमी और पश्चिम बंगाल में 520 किमी का सफर तय करते हुए बंगाल की खाड़ी में मिलती है.
गंगा गंगा किनारे लगातार बसायी जा रही बस्तियों चन्द्रभागा, मायाकुंड, शीशम झाड़ी में शौचालय तक नहीं हैं. इसलिए यह गंदगी भी गंगा में मिल रही है, कानपुर की ओर 400 किमी उलटा जाने पर गंगा की दशा सबसे दयनीय दिखती है. इस शहर के साथ गंगा का गतिशील संबंध अब बमुश्किल ही रह गया है.
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