नई दिल्ली 6 अप्रैलः देश के भाग्य विधाता कहे जाने वाले माननीय सदन मे किस तरह से जनता के पैसो की बर्बादी करते हैं, उसका उदाहरण वर्तमान सत्र के समापन से देखा जा सकता है।
पूरे बजट सत्र के दौरान लोकसभा की कुल 29 बैठकों में करीब 23 फीसदी कामकाज हुआ जबकि राज्यसभा की 30 बैठकों में 28 फीसदी कामकाज हो सका. कामकाज के मामले में बीते साल दोनों सदनों ने रिकॉर्ड बनाया था जब बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 108 फीसदी और राज्यसभा में 86 फीसदी कामकाज हुआ था.
इस सत्र को चलाने में अब तक 190 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च हुए हैं. इसमें सांसदों के वेतन-भत्तों, अन्य सुविधाओं और कार्यवाही से संबंधित इंतजाम पर खर्च शामिल है. लेकिन इतनी भारी-भरकम राशि खर्च होने के बावजूद संसद को सुचारू रूप से नहीं चलाया जा सका.