गीतकार के स्ट्रगल कहानी !

बात आनंद बक्षी जी की जो एक कामयाब गीतकार बने काफ़ी स्ट्रगल करने के बाद ! उनकी पत्नी का नाम था कमला मोहन जी ! बक्षी जी ने जितनी मेहनत की उतनी ही शिद्दत के साथ कमला जी ने भी हर वक्त मे उनका साथ दिया ! बक्षी जी जब बम्बाइ स्ट्रगल करने आये थे तो उनकी शादी हो चुकी थी ! उस समय उनके पास इतने पैसे नही होते थे की वो बीबी को अपने साथ रख सकें ! पत्नी कमला जी लखनऊ मे मायके मे ही रहती थीं ! बक्षी साब के ख्वाबों को पूरा करने मे कोई तकलीफ़ नही आये इस्लिये वो अपना ओर बच्चों का खर्च मोहल्ले की महिलाओं के कपडे सी सी कर निकाल लिया करती थीं !
पैसों को लेकर या अपनी ज़रूरतों को लेकर उन्होने आनंद जी से कभी कोई गिला नही किया ! यहाँ तक की एक बार कमला जी की तबियत खराब हो गयी ओर डक्टर्स ने उन्हे रोज़ अंडे ताकत के लिये खाने को कहा तो भी उन्होने खुद की बजाय बच्चों को रोज़ अंडे खिलाने शुरू कर दिये ताकि बच्चों की सेहत ठीक रहे !
वो उनके संघर्ष के दिनो मे जितनी मितव्ययी थीं वो बक्षी साब के अच्छे दिनो मे भी उतनी ही अल्पव्ययी रहीं ज्यादातर पुराने कपडो मे ही काम चला लिया करती थीं ! बहुत ज़रूरत होने पर ही किसी नयी क्जीज को खरीदती थीं !जब बक्षी सा ने अपनी एक अलग पहचान बना ली ओर शोहरत के साथ साथ दौलत भी कमाने लगे उसके बाद भी उनकी पत्नि ने अपनी पुरानी साडियों को पहनना नही छोड़ा क्योंकी वो जानती थीं की ये पैसा उनके बक्षी साब ने बहुत मेहनत से कमाया है ! ओर इस पैसे को वो फिज़ूल खर्ची मे नही उडाना चाहती थीं !
उपलब्ध जानकारियों के अनुसार ऐसा लगता है की उन्होने अपने जीवन मे कभी आनंद जी से किसी चीज़ की फर्माइश नही की ! बल्कि बक्षी साब को ज़बरदस्ती उन्हे कुछ दिलाना पड़ता था !
सुनते हैं क्यू बक्षी साब के गुज़रने के बाद भी उनकी पत्नि ने एक बार ही किसी चीज़ के लिये कहा था ..ओर वो चीज़ थी ऐसी बडी गाडी जिसमे पूरे परिवार के साथ बक्षी जी के बनाये पंचगनी के फ़ार्म हाउस पर जा सकें !!!!!!!!!
प्रणाम इस सादगी को ओर ऐसे जीवन साथी को ..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *