नई दिल्ली 17 सितंबर। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने जेल सर रिहा होने के बाद ख़या कि उन्हें अब रावण ना कहा जाए। किसी ने रावण लिखा, तो वो कानूनी कार्यवाही करेंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ‘रावण’ के नाम से ज्यादा चर्चित हैं और इसी नाम से लोगों के बीच लोकप्रिय रहे हैं. ब्राह्मणवाद के खिलाफ इस नाम का इस्तेमाल चंद्रशेखर ने दलित आंदोलन के दौरान बखूबी किया.
मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि आगे से उनके नाम के साथ ‘रावण’ नहीं जोड़ा जाए. इसके बावजूद अगर किसी ने ‘रावण’ लिखा तो उस पर वह कानूनी कार्रवाई करेंगे.
चंद्रशेखर के मुताबिक ‘रावण’ शब्द कहीं उनके नाम में नहीं है. आंदोलन के दौरान साथियों ने इसमें ‘आजाद’ जोड़ा तो ठाकुरों और ब्राह्मणवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रतीक के तौर पर ‘रावण’ भी जोड़ दिया. लेकिन अब चंद्रशेखर को ‘रावण’ नाम से परहेज कर रहे हैं. इसका मतलब साफ है अब वह एक्टिविस्ट मोड से ज्यादा चुनावी मोड में दिखाई दे रहे हैं.