रायपुर, 9 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में 35 हजार किन्नर (थर्ड जेंडर) युवाओं की भर्ती पुलिस विभाग में होगी। ये जवान प्रदेश के 17 नक्सलवाद प्रभावित जिलों में मोर्चा संभालेंगे। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर दिए हैं।
हालांकि पुलिस मुख्यालय के जनसंपर्क अधिकारी भगवती सिंह ने इससे पूरी तरह से इनकार किया है, वहीं एडीजी संजय पिल्ले ने भी इससे अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।
किन्नरों की संस्था मितवा की अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य विद्या राजपूत ने इस पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुखिया डॉक्टर रमन सिंह प्रदेश के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा और डीजीपी एएन उपाध्याय को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।
विद्या राजपूत ने कहा, “छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। कर्नाटक की पृथिका यशिनी और राजस्थान की गंगा को जो भी सफलता मिली है। वो लंबी अदालती लड़ाई के बाद मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी मांगों पर ध्यान दिया। इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।” हालांकि अभी भी उस आदेश की कॉपी प्रदेश के किसी भी आला अधिकारी को नहीं मिली है। फिर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है।