लखनऊ 29 नवंबर। भगवान हनुमान जी को राजनीतिक गलियारे में जातियों के फेर में ऐसा उलझा दिया है कि वह पहले दलित और अब अनुसूचित जनजाति के हो गए हैं। हनुमान जी के साथ जाति जोड़ने का सिलसिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो शुरू किया और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय के बयान तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति में हनुमान एक गोत्र होता है हनुमान जी दलित नहीं है अनुसूचित जनजाति की हैं।
लखनऊ में नंद कुमार ने कहा कि जनजातियों में हनुमान एक गोत्र होता है मसलन तिग्गा है । तिग्गा कुड़ुक में है। तिग्गा का मतलब बंदर होता है ।
हमारे यहां कुछ जनजातियों में साक्षात हनुमान गोत्र है और कई जगह गिद्ध गोत्र है । जिस दंडकारण्य में भगवान राम ने सेना संधान किया था, उसमें यह जनजाति वर्ग के लोग आते हैं, तो हनुमान जी दलित नहीं जनजाति के हैं।
आपको बात दे कि योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के प्रचार में हनुमानजी को दलित बताया था।