बुविवि में गीता जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जन संचार एवं पत्रकारिता संस्थान में शनिवार को गीता जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि गीता मानव जीवन की विविध समस्याओं का हल देती है। इस कार्यक्रम में किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भावपूर्वक याद किया गया। वक्ताओं ने उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आहवान किया।
पत्रकारिता संस्थान में संचालित सभी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों का विशेष कार्यक्रम आज उमेश शुक्ल. डा.राघवेंद्र दीक्षित और डा. अभिषेक कुमार के संयोजकत्व में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में शिक्षक और वरिष्ठ पत्रकार उमेश शुक्ल ने कहा कि गीता मानव जीवन की विविध समस्याओं का हल देती है। यह मनुष्य को बिना विचलित हुए निरंतर कर्म पथ पर चलकर जीवन को संवारने की सीख देती है। यह सभी पाठकों और अध्येताओं को अपने जीवन को समग्रता से समझने का ज्ञान देती है। उन्होंने गीता की विशिष्टताओं का उल्लेख करते सभी विद्यार्थियों को नियमित रूप से गीता के अध्ययन की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान सभी प्रकार के मोह का क्षय करता है।
उन्होंने कहा कि गीता हर पाठक को जीवन जीने की कला सिखाती है। अपनी विशिष्टताओं के चलते ही दुनिया की 175 भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है। दुनिया भर के विकसित देशों में गीता के ज्ञान के अध्ययन को विशेष अध्ययन केंद्र स्थापित किए गए हैं। विदेशों में बसे लोग भी इसके अध्ययन को अपना सौभाग्य मानते हैं। हमें अपने पुरखों की इस थाती का अध्ययन कर अपने समाज और देश को अग्रणी बनाना है। उन्होंने गीता की विशिष्टताओं को रेखांकित भी किया।
इस कार्यक्रम में डा. राघवेंद्र दीक्षित ने कहा कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गीता को बड़े ही आदर और सम्मान के साथ देखा जाता है। भारत के तमाम विद्वान और मनीषियों ने गीता के अलग-अलग रूपों को अपने जीवन में उतारा है, तो दुनिया के कई दिग्गजों ने भी गीता को अपने जीवन में उतारा है। महाभारत के समय कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में अर्जुन जब दुश्मनों की कतार में अपने सगे-संबंधियों और परिजनों को देखकर व्याकुल हो गए थे और उन्होंने युद्ध न लड़ने का फैसला किया तो उनके सारथी भगवान श्रीकृष्ण ने उपदेशों के माध्यम से जीवन में कर्म, धर्म और अन्य व्यवहारों के बारे में ज्ञान दिया था। यही उपदेश गीता में दर्ज हुए और गीता उपदेश बने।
डा. अभिषेक कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों की समस्याओं को भी रेखांकित किया। इस मौके पर सभी वक्ताओं ने विद्यार्थियों से उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आहवान किया। इससे पूर्व साप्ताहिक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में संस्थान के समन्वयक डा. जय सिंह, डा. कौशल त्रिपाठी, श्रीमती कादंबरी पैन्यूली, वीरेंद्र कुमार, अतीत विजय, देवेंद्र सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।