झाँसी। केंद्रीय मंत्री उमा भारती को बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से झांसी से ही चुनाव लड़ने के संकेत दिए उसके बाद से उन्होंने अपनी सक्रियता को तेज किया है। हालांकि वह अपने स्वभाव में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर पा रही हैं। अपने गुस्से के लिए पहचानी जाने वाली उमा भारती ने इसकी झलक आज एक कार्यक्रम में भी दिखा दी । कार्यक्रम के दौरान ही वो व्यापारियों पर नाराज हो गई और उन्हें शांत रहने की हिदायत दी।
लोकसभा चुनाव की तैयारियां सभी दल और संभावित प्रत्याशी तेजी से कर रहे हैं । ऐसे में बीजेपी की ओर से वर्तमान में सांसद उमा भारती भी यकायक सक्रिय हो गई हैं।
वह पार्टी की ओर से चुनाव लड़ाये जाने की दबाव के आगे नतमस्तक नजर आ रही हैं। इससे पहले उन्होंने चुनाव ना लड़ने की घोषणा भी की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें वर्तमान परिस्थितियों से खुद ही निपटने का फरमान जारी कर दिया है।
दरअसल पिछले 4 सालों से जिस तरह से उमा भारती चुनाव के बाद से अपने संसदीय क्षेत्र से लापता सी हो गई थी और बुंदेलखंड राज्य के मामले में कोई बात नहीं छेड़ रही थी इससे उनके प्रति लोगों में नाराजगी बढ़ती ही गई। आज जहां देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के मन की बात जैसे कार्यक्रम को चलाकर लोगों से सीधा संबंध स्थापित कर रहे हैं वहीं पिछले 4 सालों में उमा भारती ने अपने संसदीय क्षेत्र से संबंध खत्म कर दिए थे ।
यहां तक की इन 4 सालों में उन्होंने अपने पीआरओ को भी बदल दिया था । इससे भी उनका जनता से संवाद पूरी तरह टूट गया।
उमा भारती का अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों से सीधा संबंध ना होना उनके प्रति नाराजगी की एक बड़ी वजह भी मानी जाती है । इसके अलावा लोग उमा भारती के पास सीधा जाने में भी डरते हैं ।
लोगों का कहना है कि उमा भारती पता नहीं किस बात पर नाराज होकर उन्हें डांटते या सार्वजनिक रूप से बेइज्जत कर दें। अपने गुस्सैल स्वभाव के कारण अक्सर चर्चा में भी रहती है । हालांकि उन्हें राजनीति में इस बात की अच्छी तरह जानकारी है कि अपने प्रति नाराजगी को कैसे दूर किया जाए ।
इसके लिए उन्होंने आज से राजनीतिक ड्रामेबाजी की शुरुआत भी कर दी है वह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जहां टैक्सी से पहुंची तो वही कार्यक्रम के दौरान ही जब पीछे बैठे व्यापारी आपस में चर्चा कर रहे थे तो उमा भारती ने इस दौरान माइक से व्यापारियों को डांट दिया और कहा कि चुप हो जाएं और शांति से बात सुने।
हालांकि उन्होंने ये कार्यक्रम में हो रही परेशानी के मद्देनजर किया, लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपने गुस्सैल तेवर दिखाएं उससे लोग उनसे प्रभावित होने की जगह नाराज हो गए ।
कार्यक्रम में शामिल लोगों का कहना था कि किसी भी समारोह में चर्चा के दौरान आपस में बातचीत हो ही जाती है, लेकिन इस तरह से मंच से डांटना ठीक नहीं है।
राजनीतिक जानकार भी मान रहे हैं कि उमा भारती अब संसदीय क्षेत्र में अपने लिए सहानुभूति हासिल करने का हर प्रयास करेंगी । इसके लिए बहुत मुमकिन है कि वह लोगों के घरों में अचानक पहुंच जाएं और खाना खाने लगे या किसी बच्चे को गोद में लेकर घूमने लगे अधिकारियों से सीधी बात करने लगे या किसी भी कार्यालय में अचानक जा धमके ।
जबकि यह प्रक्रिया उन्हें झांसी में हमेशा करना चाहिए थी । आज मन की बात कार्यक्रम में कुछ लोगों ने उमा भारती के सामने ही जिन समस्याओं को उठाया वह पिछले 4 साल में उमा भारती के संज्ञान में पहले से ही थी ।
इसमें सिपरी बाजार का ओवर ब्रिज ग्वालियर रोड पर अंडर ब्रिज कानपुर रेल मार्ग का दोहरीकरण बस स्टैंड जैसे मुद्दे उठा कर लोगों ने उमा भारती को यह एहसास जरूर करा दिया कि यदि वह अपने संसदीय क्षेत्र का ख्याल रखे होती तो शायद मुद्दे के हल हो गए होते।