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झाँसी- महापौर बोले -देखो मैंने देखा है एक सपना, ऐसा सुंदर हो ओवरब्रिज अपना,रिपोर्ट-रोहित, सत्येंद्र

झाँसी। दिखाने जब वो मेरी आंखों को सपने आए थे मेरे दर
हमने किया भरोसा और सवार हो गए उनके वादों के रथ पर
तस्वीर बदलने के इंतजार में कैसे कटे साल कोई हमसे पूछे
काश! बता देते अपने राज की नीति को हमें, न करते झूठे वादे
हम भी रखते उन्हें सर आंख पर, और संवर गया होता अपना शहर!

किसी शायर ने क्या खूब कहा है राजनीति में वादे से मुकरना ना हो तो फिर नेताओं की फितरत को पहचानने में शायद कोई दिक्कत नहीं होती।

हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक ऐसा महायज्ञ जनप्रतिनिधियों के चयन को लेकर किया जाता है , जिसे आम बोलचाल की भाषा में चुनाव कहते हैं । गांव स्तर से देश की संसद तक जनप्रतिनिधि चुनने के लिए चुनाव रूपी महायज्ञ जो रत्न निकलते हैं, उन्हें हम अपना भाग्य विधाता मानते हैं।

भाग्य विधाता ओं के पास सूरज के साथ विकास का ऐसा खान का होता है जो यह लोग पद पर आसीन होने के बाद उसे साकार रूप देते हैं । वर्तमान में राजनीतिक व्यवस्था में जिस तरह से जनप्रतिनिधियों के कार्यशैली में शिथिलता में अपना ग्राफ बढ़ाया है उसने सही जनप्रतिनिधियों के चयन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं । ऐसे में यदि कोई चुना हुआ जनप्रतिनिधि विकास के रास्ते पर खड़ा नजर आता है, तो वह आज के दौर में नजीर माना जाता है। नजीर के मामले में वर्तमान में झांसी के मेयर रामतीर्थ सिंघल इसका सटीक उदाहरण है। बेहद खामोशी के साथ नगर के विकास को लेकर सपनों का ताना-बाना बुनने वाले रामतीर्थ सिंगल हर दिन कोई नया सपना साकार करने की दिशा में आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं।

बात चाहे स्वच्छता अभियान की हो, सड़क , नाली निर्माण , शौचालय निर्माण , पाक निर्माण। नगर के प्रथम नागरिक के दायित्व में समाए विकास कार्यों को गिन गिन कर अपनी आंखों में सपनों की तरह संजो कर उसे धरातल पर उतारने के लिए रामतीर्थ सिघल का ताना बाना बुना बेहद दिलचस्प है।

बीते दिनों सिपरी बाजार में बन रहे ओवर ब्रिज के संपर्क मार्ग की दयनीय अवस्था को लेकर उठी आवाज जिस तेजी से रामतीर्थ सिंघल के कानों में गूंजी और उन्होंने जर्जर सड़क को सरपट दौड़ने लायक बनाने की शुरुआत की, वह उनकी सजगता को दर्शाती है ।

अब उन्होंने एक ऐसे सपने को साकार रूप देने का मन बनाया है, जो सिपरी बाजार में बन रहे ओवर ब्रिज से जुड़ा है। ओवर ब्रिज को खूबसूरत बनाने के साथ स्मार्ट सिटी की रौनकता में शामिल करने की मंशा से तैयार की गई पुल की डिजाइन बेहद आकर्षक है।

महापौर रामतीर्थ सिंगल ने आज इस डिजाइन को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है उनकी इस पोस्ट को नगर वासियों ने पसंद करने के साथ उन्हें सराहनीय कार्य के लिए बधाईयां भी दी हैं । जाहिर है कि अच्छी पहल सभी को पसंद आती है।

उम्मीद है कि महापौर रामतीर्थ सिंगल की आंखों में सजे ओवर ब्रिज के इस सपने को जल्द ही साकार रूप में नगर वासी देख सकेंगे और गर्व महसूस करेंगे कि वह स्मार्ट सिटी झांसी में रह रहे हैं।

यहां एक सवाल यह भी उठता है कि जिस तरह से महापौर नगर को सुंदर और विकसित करने के लिए सपने सजा कर उसे साकार कर रहे हैं। क्या दूसरे जनप्रतिनिधि इससे सबक लेंगे?

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