लखनउ 13 मार्च। यह खबर अपने आप मे हैरत भरी है कि बुन्देलखण्ड के झांसी मे जिस पूर्व बसपा नेता बृजेन्द्र व्यास उर्फ डमडम को लेकर जमीन बतायी जा रही है, तो असल मे धरातल पर नजर ही नहीं आ रही। कांग्रेस ने डमडम को अपनी ओर से शामिल ही नहीं किया। वो सिर्फ बसपा के पूर्व नेता नसीमउददीन सिददीकि के समर्थक के रूप मे पार्टी मे आये।
दरअसल, डमडम को लेकर पिछले कुछ दिनो से झांसी की राजनैतिक पृष्ठभूमि मे नये समीकरण बनाने के प्रयास चल रहे हैं। चंद लोगो के कंधे पर रखी गयी इस रणनीति मे पार्टी स्तर से किसी प्रकार के प्रयास नहीं किये जा रहे।
कहा जा रहा है कि डमडम के कांग्रेस मे आने के बाद उन्हे 2019 लोकसभा चुनाव मे सांसद का प्रत्याशी बनाया जाएगा। इस बारे मे जब मार्केट संवाद ने जानकारी जुटायी, तो बेहद हैरानी वाली बातें सामने आयी।
कांग्रेस से जुड़े नेताओ ने बताया कि पूर्व विधायक डमडम को कांग्रेस की ओर से शामिल किये जाने का कोई प्लान तैयार नहीं किया गया। कांग्रेस पूर्व मे डमडम की दगाबाजी से आहत है, ऐसे मे उन्हे महिमामंडित कर शामिल करने का कोई प्रश्न नही उठता। फिर डमडम कैसे कांग्रेस के लिये महत्वपूर्ण हो रहे हैं। इस सवाल के जवाब मे कहा गया कि दरअसल, डमडम हमेशा से ही दूसरे के कंधे पर सवार होकर राजनीति करते रहे हैं।
जब उन्हे पता चला कि नसीमउददीन सिददीकि कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं, तो वो नसीम के संपर्क मे आये। नसीमउददीन को कांग्रेस मे जाने के लिये कुछ बड़े नाम की जरूरत थी। ऐसे मे पार्टी की सौंपी गयी समर्थको की लिस्ट मे डमडम का भी नाम शामिल था।
स्थानीय स्तर पर डमडम सहित अन्य बसपा के पूर्व नेताओ के नाम की लिस्ट जब बनी तो वो नसीमउददीन के कांग्रेस ज्वाइनिंग के समय सार्वजनिक की गयी। इससे जाहिर हुआ कि डमडम को कांग्रेस मे केवल नसीमउददीन सिददीकि के समर्थक के तौर पर रखा गया है
पार्टी मे अपनी हैसियत बढ़ाने के लिये बुने गये ताने बाने का ही सार है कि डमडम अब सम्मान और पुराने कांग्रेसी नेताओ का साथ पाना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य इस बात के लिये कतई तैयार नहीं थे कि डमडम कांग्रेस मे वापस हो। जब उन्हे पता चला कि डमडम का नाम केवल समर्थक की लिस्ट मे है, तो वो कुछ नहीं बोले।
अब डमडम खेमा ने प्रदीपजैन आदित्य के कंधे पर बंदूक रख दी। यानि बीते रोज प्रदीप जैन आदित्य के जरिये करायी गयी पत्रकार वार्ता भी इसी रणनीति का हिस्सा थी।
सूत्र बताते है कि डमडम के सम्मान समारोह की जानकारी के बाद स्थानीय स्तर के कांग्रेसी खासे नाराज हैं। कुछ कांग्रेसियो ने अपने आप को व्यस्तता के चलते समारोह से किनारा भी कर लिया।
यानि एक बात साफ हो गयी कि डमडम कांग्रेस मे वापसी शब्द को बड़े नेताओ की मौजूदगी मे दर्शा कर जनता के सामने यह संदेश देना चाहते है कि उनका कद पार्टी के लिये कितना मायने रखता है।