झांसी सीट के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवारों की रेस में प्रदीप जैन नंबर वन, रिपोर्ट-देवेंद्र, रोहित, सत्येंद्र और बीनू

झाँसी। झांसी ललितपुर संसदीय सीट के लिए मार्केट संवाद के सर्वे में बहुत कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं । आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान स्थिति में जनता की सर्वश्रेष्ठ पसंद में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य नंबर वन पर हैं।

लोग उन्हें सहज सरल मानने के साथ उनके द्वारा कराए गए कार्यों को सराह रहे हैं । सर्वे में अधिकांश लोग उमा भारती के गुस्सैल स्वभाव के चलते उन्हें नापसंद कर रहे हैं।

सर्वे के मुताबिक, करीब 80 फीसदी लोगों का मानना है कि 2019 लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड की झाँसी सीट कांग्रेस जीत का परचम फहरा सकती है | इस सर्वे के मुताबिक, झांसी-ललितपुर लोकसभा से डॉ चंद्रपाल सिंह, उमा भारती की लोकप्रियता के मामले में प्रदीप जैन नेताओं के मुकाबले अधिक लोकप्रिय है और करीब 84 फीसदी लोगों ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती को नापसंद किया है| यह भाजपा के लिए बड़ी चिंता का सबब है |

लोकप्रियता के मामले में सपा में दीपनारायण सिंह दूसरे स्थान पर और श्यामसुंदर पारीछा तीसरे स्थान पर हैं, जबकि राज्यसभा सांसद चंद्रपाल को पहली पसंद बताया। बही कई लोगों ने आरपी निरंजन को पसंदीदा और पार्टी में बेहतर उम्मीदवार माना है । इसके बाद कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के साथ राहुल रिछारिया पसन्द है।

क्या केंद्रीय मंत्री और झांसी-ललितपुर से सांसद उमा भारती आज की तारीख में साल 2014 के मुकाबले ज़्यादा लोकप्रिय हैं, तो 31 फीसदी यूजर्स ने इस पर सहमति जताई जबकि 63 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते। 83.03 फीसदी लोग मानते हैं कि सपा-बसपा गठबंधन के चलते कांग्रे स्कोर फायदा पहुंचेगा । जबकि 9.25 यूजर्स ने माना कि भाजपा का सांसद बनेगा। वहीं, 3.47 फीसदी यूजर्स का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी अन्य दल का सांसद बनेगा ।

केंद्रीय मंत्री उमा भारती की सबसे बड़ी विफलता क्या है, तो सबसे अधिक 35.72 फीसदी लोगों की बुंदेलखंड राज्य निर्माण और पलायन न रुकना मामले में कोई प्रगति न होना रही। जबकि अपर्याप्त रोजगार सृजन को 29.52 फीसदी लोगों ने उमा भारती की दूसरी बड़ी विफलता माना। 15 फीसदी लोगों ने उमा भारती की अपने संसदीय क्षेत्र से लापता रहना उनकी सबसे बड़ी कमी माना है ।

सर्वे में अधिकांश लोग इस बात से सहमत दिखे कि उमा भारती ने मंत्री रहते हुए भी अपने संसदीय क्षेत्र में कभी जनता से संवाद नहीं किया। वर्तमान में जिस प्रकार से लोगों से मिलने का प्रयास कर रही हैं सिर्फ दिखावा भर है।

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