नई दिल्ली 3 जून देश के अधिकांश राज्यों में सत्ता से बाहर कांग्रेस के सामने वापसी के लिए विपक्षी दलों की बैसाखी की जरूरी होती जा रही है ।कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ चुकी सोनिया गांधी पर्दे के पीछे से कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए शतरंज की चाल चल रही हैं। फिलहाल सोनिया गांधी का निशाना बसपा सुप्रीमो मायावती है।
कांग्रेस यह बात अच्छी तरह जानती है कि जिस तरह से कर्नाटक में जीडीएस के साथ गठबंधन करके वह सत्ता में आई है ,यदि वह आने वाले समय में होने वाले राजस्थान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में विपक्षी दलों को अपने साथ लेती है तो तीनों राज्यों में सत्ता हासिल की जा सकती है ।इसलिये बसपा अहम नजर आ रही है ।कांग्रेस की मुख्य नीति बनाने वाली जाने वाली सोनिया गांधी ने कर्नाटक में गठबंधन की सरकार की ताजपोशी के दौरान मायावती मायावती को अपने साथ लेकर ये संकेत दे दिए थे कि आने वाले समय में मायावती उनके लिए खास मोहरा साबित हो सकती हैं
दरअसल कांग्रेस का बसपा को अपने साथ लेने का फैसला काफी दूरगामी है ।कांग्रेस अच्छी तरह जानती है कि मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बसपा की भले ही सीटें कम हो लेकिन उसके पास वोटरों की संख्या अच्छी खासी है । इन राज्यों में दलित और अन्य वर्ग के लोगहै जिन पर बसपा की पकड़ है।
मध्यप्रदेश के 2013 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखा जाए तो कुल 230 सीटों में से बीजेपी को 165 सीटें मिली थीं और उसका वोट प्रतिशत 44.88 था. वहीं, कांग्रेस को 36.38% वोट शेयर के साथ 58 सीटों पर जीत मिली थी. बसपा को हालांकि महज 4 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत 6.43% रहा था.
इतना ही नहीं बीएसपी 11 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी
राजस्थान विधानसभा की कुल 200 सीटों में बीजेपी के पास 163 सीटें हैं. 2013 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 45.2% वोट हासिल किया था. जबकि कांग्रेस 33.1% के साथ 21 सीट और 3.4% वोट के साथ बसपा 3 सीटें जीत पाई थी. तीन सीटों पर बीएसपी रनर-अप रही और उसने बीजेपी को टक्कर दी.
2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कुल 90 में से 49 सीटों पर जीत मिली थी और पार्टी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी. बीजेपी को 41% वोट मिला था, जबकि कांग्रेस को 40.3% वोट के साथ महज 39 सीट मिल पाई थीं. बसपा को 4.3% के साथ 1 सीट मिली थी. ऐसे में अगर कांग्रेस-बसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो बीजेपी के लिए सरकार बनाना शायद मुश्किल होता. यही वजह है कि कांग्रेस को मायावती का साथ जरूरी नजर आ रहा है.
वैसे कांग्रेस इन राज्यों के बहाने यूपी आने वाले समय में होने वाले आम चुनाव की जमीन तैयार करना चाहटी है।