झांसी: भजपाईयो का दिल बल्ली-बल्ली उछल रहा है। इतनी उत्सुकता तो उन्हे नरेन्द्र मोदी के झांसी आने को लेकर नहीं हुयी,जितनी मेयर की सीट को लेकर है।
एक दो की बात कहते-कहते चार पांच दिन हो गये। मेयर की सीट पर निणर्य नहीं हो पाया। उम्मीदवारो की सूची को लेकर भी यही स्थिति है। हर किसी का दिल धड़कता रहा कि आखिर कौन होगा मेयर का प्रत्याशी। कौन से चेहरे के लिये वह जिंदाबाद करेगे?
झांसी सीट पर सस्पेंस बनाकर चुनाव को मजेदार बनाने की भाजपा की रणनीति हमेशा लोगो कोउत्सुकता के भंवर मे फंसाये रहती है। विधानसभा या फिर मेयर का चुनाव। सभी चुनावो मे उम्मीदवारो की घोसणा अंतिम समय और गहरे सस्पंेस के बाद होती है। यही कारण है कि मतदाता और कार्यकर्ता दावेदार का नाम जानने को उत्सुक बने रहे हैं।
प्रदेश मे मेयर चुनाव को लेकर एलान होना है। भाजपाई फोन पर दिल्ली और लखनउ तक अपने परिचितो और जानकारो से संपर्क साधे हुये हैं।
महानगर अध्यक्ष, विधायक और अन्य नेता यही कह रहे हैं कि देखो क्या निणर्य होता है। पार्टी कार्यालय मे भी कार्यकर्ताओ के चेहरे पर एक ही सवाल है। कौन होगा झाँसी सीट पर प्रत्याशी। । यह बात सभी को पता था कि मामला कुछ चेहरो के बीच फंस सकता है ।वह यह नहीं जानते कि पार्टी झटका देना भी जानती है। सभी पार्टियो का कमोवेश यही हाल है। सीट के आरक्षण को लेकर पंेच फंसा है। सामान्य, महिला, अनुसूचित जाति। इन तीनो के बीच झूल रही झांसी की सीट पर दावेदार भी चुप है। उनके समर्थक अपने को काबू मे रखे है। यकीन मानिये सीट का निणर्य होते ही झांसी मे अभी होर्डिग्स मे नजर आ रहे कई चेहरे गायब हो जाएंगे। कई समाज सेवा के जरिये अपना संदेश रहे हैं, वो घर मे बैठे नजर आएंगे।
वैसे इंतजार खत्म होने वाला है। शुक्रवार को सीट के बारे मे अंतिम फैसला आ जाएगा।