🥃शराब पीने से भारतीय संस्कृति पर पड़ रहा है बुरा असर।
🥃शराब पीने से लोग अक्सर भूल जाते है मर्यादा।
झाँसी क़ुरैश कॉन्फ्रेंस सामाजिक न्याय संगठन के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद कलाम कुरैशी द्वारअधिकारी महोदय के माध्यम से मा0 प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री महोदय के नाम मांग पत्र भेजकर बताया शराब जिसे हर धर्म हर समाज में बुरा ही समझा जाता है और पवित्र धर्म इस्लाम में इसे पूरी तरह से हराम समझा जाता है और वह भी इसलिए कि नशे में रहते हुए आदमी अपनी मान मर्यादा अपने बड़ो की इज्ज़त को भूल जाता है और नशे में धुत रहते हुए अक्सर ऐसे कारनामे कर गुजरता है जो कतई बर्दाश्त के लायक नहीं होते है। पैग़म्बर मोहम्मद साहब ने शराब को बुराई की माँ बताया है पवित्र कुरआन में भी शराब को हराम बुरा बताया गया है। इसलिए जश्ने ईदमिलादुन्नबी के दिन 28 व 29 सितबर को पूरे देश में शराब बंदी केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाए। नशा उत्पन्न करने वाले उत्पादों तम्बाकू, चरस,अफीम,गाँजा, शराब ,स्मेक बल्कि सरकारी खजानो की भी सेहत पर इनका बुरा असर पड़ रहा है।देश में शराब बंदी होने से स्वच्छ वातावरण पर भी बड़ा असर पड़ेगा व देश खुशहाली व विकास की ओर अग्रसर होगा। सरकारी आंकड़े खुद बया करते है कि कैसे केन्द्र व राज्य सरकारों के महकमे इन नशा उत्पाद से होने वाली बीमारियों और खतरों से निपटने के लिए अपनी ओर से करोड़ों अरबो रुपयो के प्रचार को स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों आदि में नशा मुक्त करने के लिए खर्च कर रही है। इसलिए समय समय पर जागरूक सगठनों व समाज के चिंतकों द्वारा इन उत्पादों को बंद करने के लिए सरकार से मांग की जाती रही है।क़ुरैश कॉन्फ्रेंस सामाजिक न्याय संगठन ने भी पूरी तरह से शराब बंदी की मांग की है। इस दौरान,हैदर कुरैशी,एड0 सद्दाम अली ,एड0 सफदर खान नवी बक्स बब्लू आजाद ,एड0 शाहिद अली, सगीर कुरैशी मजहर कुरैशी आबिद कुरैशी बरकाती शरीफ खान ,,आरिफ कुरैशी ठेकेदार रसीद अंसारी, शकील कुरैशी ,आबिद रजा कुरैशी ,