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प्रभु भक्ति के आगे सांसारिक सुख बेकार: डॉ. संदीप सरावगी: रिपोर्ट: अनिल मौर्य

झांसी। नगरा स्थित रियांशी गार्डन में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर 11 वर्षीय बृजवासी पंडित बाल व्यास धीरेंद्र महाराज के मुखारविंद से प्रह्लाद प्रसंग का भक्तों ने किया श्रवण किया। सर्वप्रथम श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथा का श्रवण करने पहुंचे मुख्य अतिथि झांसी के प्रतिष्ठित समाजसेवी संघर्ष सेवा समिति संस्थापक डॉ. संदीप सरावगी ने 11 वर्षीय कथाव्यास बृजवासी पंडित बाल व्यास धीरेंद्र महाराज का माल्यार्पण कर भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष पुष्प अर्पित किए। इसके पश्चात कथाव्यास बृजवासी पंडित बाल व्यास धीरेंद्र महाराज ने डॉक्टर संदीप को पुष्पमाला पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर शुभाशीष दिया। कथा के तृतीय दिवस पर पंडित बाल व्यास धीरेंद्र महाराज ने कहा कि जीवन में विकट परिस्थितियों में जब अपने साथ छोड़ दे, सारे मार्ग बंद हो जाए लेकिन प्रभु का सिमरन करने से सभी दुख दूर हो जाएंगे। इसी प्रकार संतो की शरण में जाने से भी जीवन का उद्धार होता है। प्रहलाद चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि प्रहलाद ने संसार को यह संदेश दिया कि नारायण की भक्ति की कोई उम्र नहीं होती। कथाव्यस के मुखारबिंद से श्रद्धालुओं को जड़भरत चरित्र एवं प्रहलाद चरित्र प्रसंग का श्रवण कराया। कथा के तीसरे दिन भी श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे रहे। कथा के दौरान भक्त प्रह्लाद एवं नरसिंह अवतार का कलाकरों ने मंचन किया। कथा के दौरान मंच से सैकड़ों लोगों को उद्बोधित करते डॉक्टर संदीप सरावगी ने बांके बिहारी लाल की जय के जयकारों से अपने उद्बोधन से की शुरुआत करते हुए कहा कि संघर्ष सेवा समिति लगातार 22 वर्षों से निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा के लिए सदैव तत्पर हैं, 18 बाल्मिकी कन्याओं का उदाहरण देते हुए कहा कि हम लोग जात-पात नहीं मानते है, देश के विभिन्न राज्यों में संघर्ष सेवा समिति को समाजसेवा में उत्कर्ष कार्यों के लिए राज्यपालों एवं मुख्यमंत्रियों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। आगामी महीनों में संघर्ष सेवा समिति जल्द ही बुंदेलखंड का सर्वप्रथम 501 विशाल कन्या महायज्ञ विवाह संपन्न करने जा रही है, जिसमें निर्धन कन्याओं का विवाह संपन्न कराया जाएगा। इस विशाल कन्या महायज्ञ को सफल बनाने हेतु लोगों से आह्वान किया। इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति से जिलाध्यक्ष अजय राय, बसंत गुप्ता, राकेश अहिरवार, राजू सेन, सुशांत गेंडा, जयदीप खरे (जिलाध्यक्ष, हिंदू जागरण मंच), नीरज सिहोतिये (सभासद, कैंट), राजीव सिंह रजक, त्रिलोक कटारिया, चंदन पाल एवं श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य जजमान सिकंदर राजपूत, नत्थू राजपूत, लखन महाराज, काशीराम राजपूत, नन्नू राजपूत, भुजबल राय, मनोज मिश्रा, मदन राजपूत, बृजेंद्र राजपूत, कल्लू राजपूत, हेमंत राजपूत, बलराम राजपूत, सुशांत राजपूत, सुशील राय (बल्लमपुर), थोबन राजपूत, राजू राजपूत, गोपाल विश्वकर्मा, प्रकाश राजपूत, भाग चंद्र झा, रवि राजपूत सहित अन्य लोग मौजूद रहे। अंत में आभार हनुमत राजपूत द्वारा व्यक्त किया गया।

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