नई दिल्ली 18 अक्टूबर। यह खबर देश के उन 90 करोड़ लोगों के लिए राहत भरी है जो मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे हैं। दूरसंचार मंत्रालय और यूआइडीएआइ ने कहा है कि आधार के जरिए पहले जारी हुए सभी मोबाइल से पहले की तरह काम करते रहेंगे।
यहां जारी एक बयान में कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने आधार पर दिए गए फैसले में यह कहीं नहीं कहा है कि ईकेवाईसी के जरिए पहले जारी हुए हैं अवैध हो गए हैं
बल्कि अगर कोई व्यक्ति पहले दिए गए आधार ईकेवाईसी को बनवाना चाहता है उसके लिए वह स्वतंत्र है इसके बदले उसे अपने किसी और पहचान पत्र को सत्यापित करने के लिए देना होगा यह प्रमाण पत्र पैन कार्ड वोटर आईडी पासपोर्ट बैंक पासवर्ड आदि किया जा सकता है।
बताया जाता है कि दूरसंचार कंपनियों ने यूआइडीएआइ कोयल बारे में अपनी योजना की जानकारी दी है हम इस पर ध्यान दे रहे हैं कि इसके क्या बैटर विकल्प हो सकता है ।आपको बता दें कि पहले यह खबर आई थी कि टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को दोबारा से सत्यापन करने की जरूरत पड़ सकती है ऐसे में दस्तावेज जमा करने के बाद ग्राहकों का सत्यापन होने में 1 सप्ताह का समय लगता है ।देश में अभी तक 90 करोड़ लोगों के मोबाइल कनेक्शन आधार से सत्यापित हो चुके हैं
सरकार इस पर भी विचार कर रही है और टेलीकॉम कंपनियों ने आधार से सत्यापन बंद करने के लिए और वक्त की मांग की है।
आपको बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों ने नए ईकेवाईसी अपने ग्राहकों को जाने के लिए दिए प्रस्ताव में आधार पंजीकरण करने की जानकारी दी है ।इसमें सिम विक्रेता ग्राहक की फोटो खींचेगा और ग्राहक द्वारा सदा प्रमाणित पहचान और निवास प्रमाण पत्र के साथ फार्म पर संलग्न करेगा।
नई प्रस्ताव के तहत उपभोक्ता का फार्म और सभी दस्तावेज स्कैन कर लिए जाएंगे। इसके बाद फार्म पर रिटेलर का नाम किस सरकार में यह प्रक्रिया पूरी हुई समय और टेलीफोन कंपनी का वाटर मार्क लगाया जाएगा ताकि ग्राहक द्वारा दिए गए दस्तावेज और फोटो का दोबारा इस्तेमाल ना हो सके।
बताया जाता है किस प्रक्रिया के बाद विक्रेता ऐप के जरिए उपभोक्ता का फार्म टेलीकॉम ऑपरेटर के पास भेजेगा ताकि इसका सत्यापन किया जा सके। इसके बाद ग्राहक को दिया गया नंबर कॉल द्वारा सत्यापित किया जाएगा उपभोक्ता द्वारा दिए गए दूसरे नंबर पर एक 5 अंकों का पिन कोड भेजा जाएगा । उपभोक्ता द्वारा या तो पिन कोड के माध्यम से या फिर कॉल के जरिए सत्यापन कराए जाने के बाद नंबर चालू हो जाएगा।