झांसी। उत्तर प्रदेष के परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह ने विद्यार्थियों का आहवान किया कि वे देष की महान विभूतियों के आदर्षों को आत्मसात कर विकास के पथ पर आगे बढ़ें। वे रविवार को यहां बुंदेलखंड विष्वविद्यालय के गांधी सभागार में आयोजित दूसरे पुरातन छात्र समागम के उद््घाटन सत्र में उपस्थित षिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। वहीं उद्घाटन सत्र के बाद पुरातन विद्यार्थियों ने अपने विभाग में पहुंचकर नए विद्यार्थियों और षिक्षकों संग अपने अनुभव साझा किए।
श्री सिंह ने स्वामी विवेकानंद और बाल गंगाधर तिलक की वार्तालाप का उदाहरण देते हुए कहा कि जितनी भी समस्याएं हैं उनके पीछे प्रमुख कारण मनुश्य का स्वार्थ ही है। अनेक उदाहरण देकर उन्होंने कहा कि कर्म से ही मनुश्य श्रेश्ठ बनता है। उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय, डा. एपीजे कलाम, स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्च एवं कार्यों का उल्लेख करते हुए युवाओं से उनके आदर्षों को जीवन में आत्मसात करने का आहवान किया। उन्हांेने युवाओं को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि हमेषा मस्तिश्क को षीतल रखो। जुबान मीठी रखो। दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा रखो। सदा आगे बढ़ते रहो। सफलता खुद आप का वरण करेगी। उन्होंने युवाओं को माता, पिता, गुरू और बड़े बुजुर्गों का सदा सम्मान करने की भी सीख दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने युवाओं को सलाह दी कि सदैव अच्छे कर्म करो। उन्होंने यह भी कहा कि जिनकी कथनी और करनी में अंतर होता है उनकी बातों का समाज पर कोई असर नहीं पड़ता है। उन्होंने विद्यार्थियों से महापुरूशों के आदर्षों को आत्मसात करने का आहवान किया। उन्होंने पुरातन विद्यार्थियों का आहवान किया कि वे अपने अनुभवों से अपने नए साथियों को अवगत कराएं जिसका लाभ उठाकर वे आगे बढ़ सकें। प्रो. दुबे ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मषती वर्श के उपलक्ष्य में बुविवि की ओर से आयोजित विविध कार्यक्रमों का उल्लेख भी किया। उन्होंने युवाओं से पंडित दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आहवान किया।
इस कार्यक्रम के विषिश्ट अतिथि भेल के जीएम लोकोमोटिव एबी गुप्ता और वैद्यनाथ आयुर्वेद भवन के निदेषक अनुराग षर्मा ने भी पुरातन छात्र समागम का महत्व रेखांकित करते हुए अपने अनुभव साझा किए। इन दोनों ने ज्ञान के महत्व का उल्लेख भी किया।
इससे पूर्व छात्र कल्याण अधिश्ठाता प्रो सुनील काबिया और कार्यक्रम के संयोजक डा. प्रतीक अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की षुरुआत अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना पेष किया। अतिथियों ने स्मारिका की पत्रिका का विमोचन भी किया। इस कार्यक्रम में पुरातन छात्रों आईएएस अभिशेक नारायण, डा. राजीव सिजरिया, डा. प्रषांत गुप्ता, डा. महेंद्र कुमार, डा. षांतिभूशण मिश्र, डा. मान सिंह, डा. नवीन धींगरा, सविता यादव, निकुष मीरचंदानी, अनुराधा यादव को षाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में महापौर किरण वर्मा, नगर विधायक रवि षर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय दुबे, भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी, विवि के वित्त अधिकारी धर्मपाल, कुलसचिव प्रो एसपी सिंह, कुलानुषासक प्रो. एमएल मौर्य, पूर्व पीवीसी श्रीराम अग्रवाल, प्रो. वीके सहगल, प्रो. सीबी सिंह, प्रो. अपर्णा राज, प्रो. पूनम पुरी, डा0 डीके भट्ट, डा. काव्या दुबे, डा. नेहा मिश्रा, डा. षिल्पा मिश्रा, डा. गजाला, डा. सीपी पैन्यूली, सतीष साहनी, डा. देवेष निगम, डा. सुनीता, उमेष षुक्ल, डा. रष्मि सिंह, डा. पुनीत बिसारिया, डा. विनम्र सेन सिंह, श्रीहरि त्रिपाठी समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।