लखनऊ 5 फरवरी। उत्तर प्रदेश योगी सरकार मुजफ्फरनगर दंगों के 38 मामलों में 100 व्यक्तियों के खिलाफ मामला वापस लेने की सिफारिश कर रही है। स्पेशल सेक्रेट्री जेपी सिंह और अंडर सेक्रेट्री अरुण कुमार राय द्वारा तैयार किया गया पत्र पिछले हफ्ते ही मुजफ्फरपुर जिला मजिस्ट्रेट को भेजा जा चुका है।
दंगों के साथ इनमें डकैती धार्मिक स्थल को शुद्ध करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार ने 10 जनवरी को मामलों की वापसी की सिफारिश की है । 29 जनवरी को पत्र भेजा गया । सरकार ने 2013 में पुलिस थानों पर दर्ज 119 मामलों की वापसी को लेकर सुझाव मांगा था।
बताया जाता है कि उपलब्ध दस्तावेजों कि सावधानी से अध्ययन करने के बाद जिला न्यायालय के समक्ष मामलों की वापसी के लिए निवेदन के बाद यह निर्णय लिया गया।
आपको बता दें कि पिछले साल लखनऊ में भाजपा सांसद संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर हिंदुओं पर 10 मामलों को वापस लेने की बात कही थी बालियान ने कहा कि युवकों के खिलाफ मर्डर बलात्कार जैसे जघन्य अपराध का मामला नहीं था तत्कालीन सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने प्रभावशाली और अमीर लोगों को क्लीन चिट दे दी जबकि गरीब लोगों को फंसा दिया गया उन्होंने कहा हिंदू होना अपराध नहीं है मैं उनके लिए हमेशा करूंगा और मैं मुख्यमंत्री का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मामले को वापस लेने का फैसला किया है।
पिछले साल लखनऊ में भाजपा सांसद संजीव बाल्यान ने मुख्यमंत्री योगी से मिलकर हिन्दुओं पर दर्ज मामलों की वापसी की बात कही थी। बाल्यान ने बातचीत में कहा कि इन युवकों के खिलाफ मर्डर, बलात्कार जैसे जघन्य अपराध का मामला नहीं था।
तत्कालीन सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने प्रभावशाली और अमीर लोगों को क्लीनचिट दे दी और गरीब लोगों को फंसा दिया। हिंदू होना अपराध नहीं है, मैं उनके लिए हमेशा लडूंगा और मैं मुख्यमंत्री का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मामलों को वापस लेने का फैसला किया है।