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हिंदी जैसी भाषा और कोई नहीं: डा. रवीन्द्र शुक्ल

बुविवि के हिंदी सप्ताह की विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी संस्थान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ और क्रिएटिव क्लब के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी सप्ताह के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम तीन स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को आज एक विशेष कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री डा. रवीन्द्र शुक्ल रहे। उन्होंने कहा कि हिंदी जैसी भाषा दुनिया में और कोई नहीं। यह दुनिया में सबसे अधिक लोगों के कार्य व्यवहार में शामिल है। यह सबसे सहज और प्राकृतिक भाषा है। 
उन्होंने सभी विद्यार्थियों का आह्वान किया कि 
आइए हम सभी हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए काम करें। हिंदी के गौरव को और बढ़ाएं। उन्होंने अपनी कुछ रचनाएं भी सुनाईं।
कार्यक्रम में परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर, प्रो वीबी त्रिपाठी ने भी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।
शुरुआत में कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी ने सभी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने हिंदी सप्ताह के विविध कार्यक्रमों का ब्यौरा भी पेश किया।
अंत में प्रो वीबी त्रिपाठी ने आभार व्यक्त किया।
निबंध में अनुराग शर्मा ने प्रथम, कवेंद्र द्वितीय,
श्रीराम दुबे तृतीय रहे। हिंदी कहानी में गजेंद्र पटेल प्रथम,रीतिका दूसरे और संजना प्रजापति तृतीय रही। कविता में नमन कौशिक प्रथम, अभय कुशवाहा द्वितीय और मिलन गौतम तृतीय रहे। वाद विवाद एवं संभाषण में ईशा सिंह प्रथम, खुशी रावत द्वितीय और अभिषेक अवस्थी तृतीय रहे। प्रश्नोत्तरी में रोहित को पहला, देवेंद्र सिंह को दूसरा और सोनू गौतम को तीसरा स्थान मिला। पोस्टर में नैंसी प्रथम, नरेश कुमार द्वितीय और अनुराग नामदेव तृतीय स्थान पर रहा। अतिथियों ने सभी विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए।
प्रो, तिवारी ने कहा कि विविध प्रतियोगिताओं की रचनाएं एक पत्रिका के रूप में प्रकाशित की जाएंगी।
सभी अतिथियों को अंग वस्त्र, श्रीफल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डा शैलेंद्र तिवारी ने किया। इस कार्यक्रम में डा अचला पाण्डेय, उमेश शुक्ल, डा ब्रजेश सिंह परिहार, डा प्रेम लता, डा सुधा दीक्षित, डा सुनीता वर्मा,डा पुनीत श्रीवास्तव, नवीन चंद पटेल समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

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