गुरु शंकर जैसा होना चाहिए: प्रो बाबू लाल तिवारी

बीयू के अभिविन्यास कार्यक्रम का समापन समारोह

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कला संकाय के नव प्रवेशित विद्यार्थियों के अभिविन्यास कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि और शिक्षक एम एल सी प्रो बाबू लाल तिवारी ने कहा कि गुरु शंकर जैसा होना चाहिए जिनकी बदौलत टेढ़ा होने के बाद भी चंद्रमा पूजित होता है।
उन्होंने सभी विद्यार्थियों से गुरुओं का आशीर्वाद लेकर जीवन संवारने का आह्वान किया। उन्होंने स्वाति नक्षत्र की बूंद की अलग अलग गतियों और परिणाम को रेखांकित किया।

हिंदी विभाग के डा वृंदावन लाल वर्मा सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रो तिवारी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से आज तक बुंदेलखंड को शिक्षक विधायक पहली बार उनके रूप में मिला। पहले दुसरे क्षेत्रों के लोग शिक्षक विधायक बनते रहे। एक स्नातक विधायक चुनने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मोबाइल क्रांति के इस दौर में विद्यार्थियों के ज्ञान का दायरा बढ़ा है। उन्होंने चिंताभरे लहजे में कहा कि अक्सर सुनने में आता है कि अच्छा पद हासिल करने वाले अधिकारी आम जनता से पैसा वसूलते हैं। ये घटनाएं बताती हैं कि उनकी शिक्षा में कोई कमी रह गई है। शिक्षा वहीं जो श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों और गुणों का विकास करें। हर व्यक्ति को मानवता के मूल्य का पालन कर परोपकार करने की सीख देनी चाहिए।
वह शक्ति हमें दो दया निधे प्रार्थना की पंक्तियों का उल्लेख कर उन्होंने उसके मर्म को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने बुंदेलखंड की खूबियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य को भी आत्मसात करने का सुझाव दिया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को साहसी, निर्भीक और न्याय प्रिय होने का आह्वान किया। सभी को सही संगति में रहने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि गुरुकुलों में किसी को सजा दी गई ऐसे उदाहरण नहीं मिलते हैं। कारण यह कि विद्यार्थियों ने गुरुओं को देख समझकर खुद अनुशासन का पालन किया। उन्होंने कहा कि पहले रैगिंग की कुप्रथा चल पड़ी थी। बीयू उस कुप्रथा से मुक्त है। यह विद्यार्थियों को समुचित माहौल दे उनका स्वागत करता है।
विशिष्ट अतिथि कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने सात दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम के लिए सभी शिक्षकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षकों का सही मार्गदर्शन लेकर अपना कैरियर संवारना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों को अपने ज्ञान के दायरे में वृद्धि करना चाहिए। सामाजिकता का विकास करने के लिए ही सभी को एक साथ बैठाया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी अच्छी संगति में रहें। अपने को अच्छा और ताकतवर बनाइए तकि कोई आप को प्रभावित न कर सके। समय का सदुपयोग कर यदि अपने आप को संभाल लिया तो जीवन सुखद होगा।
उन्होंने कहा कि सभी अपने माता पिता का आशीर्वाद लेकर नैतिक ढंग से आगे बढ़ने का प्रयास करें। सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता है। उन्होंने सभी को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष और कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी ने सभी अतिथियों को अभिविन्यास कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी का गर्मजोशी से स्वागत किया। सभी अतिथियों को पुष गुच्छ और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
डा मनीषा जैन ने विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति की जानकारी दी।
प्रो पुनीत बिसारिया ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को अनुशासन में रहकर शिक्षा ग्रहण करने की सलाह दी।
इस कार्यक्रम में डा बीवी त्रिपाठी , डा जय सिंह, उमेश शुक्ल, डा सुनीता वर्मा, डा सुधा दीक्षित, डा नवीन पटेल, डा पुनीत श्रीवास्तव, डा विपिन प्रसाद, डा प्रेम लता, डा अजय कुमार गुप्त, डा कौशल त्रिपाठी, डा राघवेन्द्र दीक्षित, डा शैलेंद्र तिवारी, डा अभिषेक कुमार, अतीत विजय, डा राजीव बबेले, डा कन्हैया लाल सोनकर समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा अचला पाण्डेय और आभार प्रदर्शन डा श्री हरि त्रिपाठी ने किया।

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