झांसीः नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान मे चल रही श्रीमद भागवत कथा मे बोलते हुये वृन्दावन से पधारे डॉ. संजय कृष्ण सलिल ने कहा कि प्रभू किसी का अभिमान नहीं रहने देते।
उन्होने सात साल की आयु में गिरिराजजी का पूजन कराया।सलिलजी ने कहा कि भगवान की लीलाओ मे एक अपराध ब्रहमा ने किया। दूसरा इन्द्र ने।
भगवान ने इन्द्र के अपराध को क्षमा कर दिया, लेकिन ब्रहमा को नहीं। क्यांेकि ब्रहमा ने भक्तो को भगवान से दूर कर दिया था।उन्होने बताया कि बैकुंठ एवं वृन्दावन की लीलाओ मे बिल्कुल उलट है।वृन्दावन मे माधुर्यधारा है। बैकुन्ठ मे ऐश्वर्यवास है। वृन्दावन मे भगवान स्वयं राधारानी के पैर दबाते है, जबकि स्वर्ग में लक्ष्मीजी प्रभू के चरण दबाती हैं।
इस अवसर पर मोहन सिंह यादव, कमलेश बिलगैंया, नूतन शुक्ला, राजू यादव मेडिकल पिछोर आदि मौजूद रहे। आयोजक राघवेन्द्र शुक्ल ने सभी का आभार व्यक्त किया।