ब्रेकिंग न्यूजः सबको धता बताने में कामयाब रहे प्रदीप सरावगी

झांसीः इस खबर को जरा संभल कर पढ़े। भाजपा के खेमे में  मार्केटसंवाद पहली बार संेध लगाने में  कामयाब रहा। हम सौ प्रतिशत का दावा तो नहीं करते, लेकिन यकीन से कहते है कि बीजेपी महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी पार्टी के मेयर प्रत्याशी तय कर दिये गये हैं। उनके नाम का ऐलान कल या परसों  किया जाएगा! उनके नाम को लेकर पार्टी इतना सस्पेंस क्या बना रही, इसको लेकर भी कुछ रणनीति है। यह रणनीति कल तक जाहिर हो जाएगी।

हालांकि भाजपा ने पूरे प्रदेश में  अभी तक किसी भी प्रत्याशी की अधिकृत घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्र का दावा है कि प्रदीप सरावगी को यह कहते हुये झांसी भेज दिया गया कि जाओ, अपनी तैयारियां करो। वो आज संघ कार्यालय पहुंचे और  आशीर्वाद लेने का काम भी किया। यह काम गोपनीय तरीके से किया गया। बहुत साधारण तरीके से संघ कार्यालय पहुंचे प्रदीप सरावगी के चेहरे पर चमक थी।

प्रदीप सरावगी की दावेदारी को लेकर हवा में  तैर रहे कयास उनके दोपहर में  झोकनबाग  टहलने को लेकर थोड़े असमंजस की स्थिति में  रहे, लेकिन सूत्र के दावे में  प्रदीप का झांसी होना सच साबित कर रहा था।

जैसा कि मार्केट संवाद ने पहले ही कहा था कि पार्टी ब्राहमण और वैश्य के बीच झूल रही है। इस मामले में  सौ प्रतिशत सफलता प्रदीप सरावगी ने प्राप्त कर ली।

संघ के आशीर्वाद से उन्हें  फाइनल कर दिया गया है? वैसे आपको बता दे  कि पिछले कुछ दिनो  से चल रही उठापटक के बीच लोगों में  इस बात की जिज्ञासा है कि आखिर भाजपा से कौन सा प्रत्याशी मैदान में  आ रहा है।

जिस तरह से कहा जा रहा था कि कांग्रेस से प्रदीप जैन आदित्य और बसपा से डमडम के आने के कारण भाजपा किसी कददावर नेता पर दांव लगाएंगी। यह कयास निरर्थक साबित होने जा रहे हैं। पार्टी ने प्रदीप सरावगी पर पूरी तरह से भरोसा जताने का मन बना लिया है।

सूत्र दावा कर रहे हैं कि उनके नाम का ऐलान कल किया जाएगा। पार्टी ने पूरे समीकरण को फिट करने के बाद संघ के नाम पर मुहर लगा दी। संघ के आसरे अपनी राजनैतिक पारी खेल रहे प्रदीप सरावगी जल्द ही गलियों  में  लोगों  से समर्थन माँगते नजर आएंगे? हालंाकि उनके लिये राह इतनी आसान नहीं होगी? उन्हें  प्रत्याशी बना मान लिया जाए, तो उन्हें  विरोध के स्वर भी झेलने होगे और अपनो  की नाराजगी की काट भी ढूंढनी होगी।

वैसे भाईजी अपनी पारी कैसे खेलते हैं और क्या पार्टी के दूसरे नेता उनके साथ चलते को तैयार होगे? यह सवाल सभी को परेशान किये है।

 

 

 

 

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