झाँसी। प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा पर्व के रूप में मनाया जाता है हमारे देश में सर्वाधिक सम्मान गुरुओं को ही दिया जाता रहा है। यह पर्व अपने आध्यात्मिक शिक्षकों/अधिनायकों के सम्मान और उन्हें अपनी कृतज्ञता दिखाने के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी “श्री गहोई वैश्य पंचायत” के सभी पंचों के साथ अपने गुरु दुर्गापुर वाले पंडित रामेश्वर दास शास्त्री का आशीर्वाद लेने उनके आश्रम त्रिपुर सुंदरी देवी सिद्धपीठ पहुंचे, जहां गुरु की विधिवत पूजा अर्चना के बाद डॉ० संदीप ने गुरु दक्षिणा भेंट की तत्पश्चात माल्यार्पण कर आशीर्वाद ग्रहण किया। पंडित रामेश्वर दास शास्त्री ने संदीप सरावगी को परिवार सहित व गहोई वैश्य पंचायत के समस्त पंचों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा नर सेवा नारायण सेवा के समान है संदीप कई वर्षों से लगातार समाज के लिए तन मन धन से कार्य कर रहा है। जिसके लिए ईश्वर अवश्य ही उसे प्रतिफल के रूप में एक आदर्श व्यक्तित्व की तरह स्थापित करेगा जिसका नाम वर्षों तक अनवरत इतिहास में चमकता रहेगा। इस दौरान समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी ने कहा ईश्वर और गुरु में गुरु को श्रेष्ठ माना गया है गुरु ही वह माध्यम है जो आपको ईश्वर के महत्व को समझाता है एवं भक्ति और साधना का तरीका बतलाता है। एक गुरु का मुख्य उद्देश्य अपने शिष्य को घोर तिमिर से उज्जवल प्रकाश की ओर ले जाना है इसीलिए यह पर्व पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है। हर व्यक्ति के जीवन में एक ना एक गुरु होता है जिसका योगदान उसकी सफलता में निहित होता है यह जरूरी नहीं कि हम किसी को आध्यात्मिक या शिक्षक के रूप में ही गुरु बनायें। हम किसी भी क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को अपना गुरु बना सकते हैं गुरु का दर्जा न ही उम्र न ही जाति धर्म से बंधा हुआ है आपका गुरु कोई भी हो सकता है। सनातन धर्म में बाल्यकाल से ही सिखाया जाता है कि हमें अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए गुरु से हम जीवन भर ज्ञान और आशीर्वाद लेते रहते हैं लेकिन वर्ष में एक दिन ऐसा आता है जब हमें गुरु के लिए कुछ अर्पित करने का अवसर प्राप्त होता है इसीलिए गुरु पूर्णिमा के दिन तन मन धन से अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर संघर्ष सेवा समिति के सक्रिय सदस्य संदीप नामदेव का जन्मदिवस भी आश्रम में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर श्री गहोई वैश्य पंचायत से राम प्रकाश नाछोला, नितिन सरावगी, प्रकाश गुप्ता, राजू रक्सा, कमल सेठ, ओमप्रकाश बिश्वारी, संजीव सोनी, अमित सेठ, रमेश गुप्ता, केदारनाथ पहारिया, हरिओम गुप्ता, राजेंद्र गुप्ता, अरुण कुमार गुप्ता, बृजेश बड़ौनिया, संजय डेंगरे, उमेश गुप्ता, प्रदीप नगरिया, अशोक बरसैंया, राजेंद्र गेड़ा, विशाल गुप्ता, राधेश्याम नीखरा, ओमप्रकाश खांगट, कुंज बिहारी सांवला, अनिल पटवारी एवं संघर्ष सेवा समिति से राजकपूर यादव, दीपक यादव, मास्टर मुन्नालाल, कमल मेहता, ऐश्वर्य सरावगी, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, बसंत गुप्ता, महेंद्र रायकवार, प्रमेंद्र सिंह, राजू सेन, राकेश अहिरवार, सुशांत गेड़ा, रामस्वरूप पांडे, पुरुषोत्तम पांडे, सदानंद पांडे, वरुण पांडे, देवांश पांडे अरुण पांडे, श्रीकृष्ण पांडे, लोकेंद्र पांडे, पुजारी महेश दास, रामगोपाल निरंजन, राम केवल यादव, संतोष अंजनी, पंचम झा, आशीष नगरिया, रंजीत सेन, बरुआ सागर पार्षद राहुल सिंह आदि उपस्थित रहे।