किसी कन्या के विवाह में सहयोग करना और सम्मिलित होना हमारा सौभाग्य- डॉ० संदीप सरावगी रिपोर्ट: अनिल मौर्य

झाँसी। संघर्ष सेवा समिति के तत्वाधान में विगत कई वर्षों से कन्याओं के विवाह में सहयोग की परंपरा चली आ रही है। हमारे धर्म में कन्यादान महादान माना जाता है एक कन्या के विवाह में यदि आप कुछ भी अंशदान करते हैं तो यह पुण्य कर्म कहलाता है। संघर्ष सेवा समिति अब तक सैकड़ो कन्याओं के विवाह आयोजित कर चुकी है और सैकड़ो कन्याओं के विवाह में सामाजिक और आर्थिक रूप से सहयोग भी करती आ रही है। इसी क्रम करारी निवासी एक बहन वर्षा सिंह को डॉ० संदीप सरावगी ने संघर्ष सेवा समिति परिवार में एक और सदस्य के रूप में सम्मिलित किया। वर्षा के पिता विजय सिंह का देहावसान हो चुका है उनकी माता मीना सिंह ने अपनी बिटिया के 6 मार्च को होने वाले विवाह में बड़े भाई की तरह डॉ० संदीप सरावगी को आमंत्रित किया। डॉ० संदीप द्वारा वर्षा को नकद रुपये व उपहार देकर विवाह में सहयोग का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर वर्षा ने कहा डॉ० संदीप को भाई के रूप में पाकर मैं आज बहुत अविभूत हूं मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ। हर बहन को संदीप भईया जैसा बड़ा भाई मिले जो हर सब दुख में उसके साथ खड़ा रहे मैं आजीवन संदीप भईया को बड़े भाई के रूप में सम्मान देती रहूंगी। डॉ० संदीप ने कहा हमारे समाज में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक सम्मान दिया जाता है। हम हर लड़की को अपनी बहन बेटी की दृष्टि से देखेंगे तो हमारा चरित्र मर्यादित रहेगा और सहयोग की बात रही तो हर बिटिया अपना भाग्य ऊपर से लिखकर लाती है। मैं और हमारी समिति सदस्य स्वयं को बहुत सौभाग्यशाली समझते हैं कि हमें कन्याओं के विवाह में सहयोग करने और सम्मिलित होने का अवसर मिलता है हम आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रमों को अनवरत चलते रहेंगे। इस अवसर पर मीना मसीह, स्प्रहा श्रीवास्तव, ओमकार सचान, बल्ले अग्रवाल, मास्टर मुन्नालाल, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, बसंत गुप्ता, राकेश अहिरवार, सुशांत गेड़ा, राजू सेन, आशीष विश्वकर्मा, चंदन पाल आदि उपस्थित रहे।

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