भागवत कथा सुनने व अनुसरण से आते हैं सकारात्मक बदलाव- मुख्य अतिथि डॉ० संदीप सरावगी रिपोर्ट: अनिल मौर्य

रामगढ़ स्थित शिव मंदिर पर कलश यात्रा के साथ 7 दिवसीय भागवत कथा प्रारंभ

भागवत कथा सुनने व अनुसरण से आते हैं सकारात्मक बदलाव- मुख्य अतिथि डॉ० संदीप

झाँसी। जनपद के रक्सा क्षेत्र स्थित रामगढ़ के शिव मंदिर पर आठ दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ। इस भागवत कथा में पारीक्षित जन्म, शुकदेव जन्म, विदुर कथा, शिव विवाह, राम जन्म, कृष्ण जन्म, कृष्ण बाल लीला, गोवर्धन पूजा, कंस वध, रुक्मणी विवाह, सुदामा चरित पर कथा का वाचन आचार्य मनोज चतुर्वेदी द्वारा किया जा रहा है एवं कथा परीक्षित के रूप में निधि कुशवाहा एवं घनश्याम कुशवाहा उपस्थित रहे। शुक्रवार दिनांक 7 मार्च को हवन पूर्णाहुति के साथ कथा का समापन होगा उसके अगले दिन विशाल भंडारा एवं सामूहिक विवाह आयोजित किया जायेगा। प्रत्येक वर्ष यह आयोजन शिवरात्रि के पावन पर्व के उपलक्ष में आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम का प्रारंभ आज कलश यात्रा के साथ मुख्य अतिथि डॉ संदीप सरावगी के आतिथ्य में प्रारंभ हुआ यह यात्रा रामगढ़ शिव मंदिर से प्रारंभ होकर रक्षा की विभिन्न क्षेत्रों में होते हुए शिव मंदिर पर ही समाप्त हुई जिसमें सैकड़ो की संख्या में महिलाएं कलश लेकर चल रही थी पीछे सैकड़ो की संख्या में भक्तजन भोलेनाथ का उद्घोष करते हुए यात्रा का अनुसरण कर रहे थे। कथा समापन पर डॉ संदीप क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए कहा भागवत में ज्ञानयोग, कर्मयोग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म, आपद्धर्म, राजनीती आदि का ज्ञान भरा है। यह एक ऐसा शास्त्र है कि जिसके सुनने से और उसका अनुसरण करने से जीवन से संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर पाया जा सकता है साधक को साधन मार्ग में क्या-क्या संशय आते हैं इन सब पर विचार करके भागवत पुराण का रचना की गयी है। हमें इस प्रकार के आयोजनों में समय-समय पर सम्मिलित होते रहना चाहिए और अपने आगे आने वाली पीढियों को भी इसके महत्व को समझना चाहिये। क्योंकि दूसरी सभ्यताओं का अनुसरण करते हुए हम अपने धर्म से विमुख होते जा रहे हैं जो भविष्य में सनातन के लिए एक बड़ा खतरा है। हमें अपने वेद पुराण आदि धर्म ग्रंथो को कुछ समय निकाल कर नियमित रूप से पढ़ना चाहिए इन्हें पढने से निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। इस अवसर पर संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, राकेश अहिरवार, राजू सेन, सुशांत गेड़ा, बसंत गुप्ता, चंदन पाल प्रमेन्द्र सिंह, आशीष विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।

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