झांसी। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से दिया l ज्ञापन में कहा गया कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय सेल्फ फाइनेंस संस्था (SFS ) है, इसको यथाशीघ्र वित्त पोषित कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धनराशि उपलब्ध करायी जाये जिससे बदहाल एवं बेहाल बुन्देलखण्ड के विद्यार्थी ठीक प्रकार से शिक्षा प्राप्त कर सकें।
अति पिछड़े, बदहाल एवं बेहाल क्षेत्र बुन्देलखण्ड में धनअभाव के कारण छात्र-छात्रायें उच्च शिक्षा ग्रहण करने में वंचित रह जाते हैं, यदि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को वित्त पोषित की व्यवस्था करा दी जाये तो विद्यार्थी ठीक से शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे एवं बेहतर नौकरी प्राप्त करने लायक बन सकेंगे।
उ0प्र0 विधान परिषद के सभापति मा0 कुंवर मानवेन्द्र सिंह जी ने इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए पत्र लिखा था।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में शिक्षक/शिक्षिकाओं को संविदा पर नियुक्ति किया गया है। हम यह आग्रह करना चाहते हैं कि शिक्षक/शिक्षिकाओं की नियुक्ति स्ववित्त पोषित योजना(SFS) मै जिनको दो दशक से अधिक समय हो गया है। अतः सभी स्ववित्त पोषित योजना मे संचालित विभागों एवं उन मै कार्यरत शिक्षकों/शिक्षिकाओं तथा कर्मचारीयों को नियमित ( वित्त पोषित ) करने की कृपा की जाए तो बेहतर तरीके से छात्र/छात्राओं के भविष्य को संवारने का कार्य विश्वविद्याल मै होगा। बदहाल एवं बेहाल बुन्देलखण्ड के अभिभावकों के पास इतनी धनराशि नहीं होती है कि वे अपने बच्चों को इतनी मंहगी फीस में शिक्षा उपलब्ध करा सकें।
अगर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को स्ववित्त पोषित की जगह एडिड (वित्त पोषित) नहीं किया गया तो बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा मा0 मुख्यमंत्री जी एवं शिक्षा मंत्री का विरोध करने के लिए बाध्य होेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। किन्हीं भी परिस्थिति में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में स्टाफ की कमी एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विद्यार्थियों को पैसे के अभाव में शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं किया जा सकता है।
ज्ञापन देने वालो में कुंवर बहादुर आदिम, हनीफ खान, उत्कर्ष साहू, अनिल कश्यप, गोलू ठाकुर,प्रदीप झा, नरेश वर्मा, रामजी परीछा,अरुण रायकवार, प्रदीप गुर्जर, शंकर रायकवार, प्रभु दयाल कुशवाहा, सईंदा बेगम आदि उपस्थित रहें l