नई दिल्ली 2 मईः विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आज जारी रिपेार्ट भारत को परेशान करने वाली है। संगठन की सूची में भारत के 15 शहर शामिल है। सबसे बड़ी बात यूपी सरकार के लिये है। कानपुर इस सूची मंे नंबर एक पर है, जबकि दिल्ली 6वे नंबर पर है।
यूपी के औद्योगिक शहर का दर्जा प्र्राप्त कानपुर दुनिया मंे इस तरह नाम कमाएगा, यह किसी ने सोचा नहीं होगा। पर, यह सच है।
डब्लूएचओ की रिपोर्ट भारत को प्रदूषण को लेकर सचेत करने वाली है। प्रदूषण का असर यह हो रहा कि विश्व धरोहर मंे शामिल ताज महल भी रंग बदल रहा है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण के मामले में भारत के 14 शहरों की स्थिति बेहद खराब है. इस सूची में उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर कानपुर पहले स्थान पर है. कानपुर के बाद फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, पटियाला और जोधपुर शामिल हैं. पंद्रवें स्थान पर कुवैत का अली सुबह अल- सलेम शहर है. उल्लेखनीय हैं कि वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली 2015 की रिपोर्ट में चौथे स्थान पर थी, जो अब खिसक कर छठवें स्थान पर पहुंच गई है.
डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि 2010-2014 के बीच में दिल्ली के प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन 2015 से स्थिति फिर बिगड़ने लगी है. वायु प्रदूषण को लेकर डब्ल्यूएचओ 100 देशों के 4,000 शहरों का अध्ययन किया है. यह अध्ययन बताता है कि दिल्ली में 2010 और 2014 के बीच हवा की स्थिति में मामूली सुधार आया, लेकिन 2015 से हालात फिर बिगड़ने लगे.