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आरोपों से घिर रहा है, रामराजा हॉस्पिटल बढ़ रहा है?

झांसी 14 सितम्बरः पैसा कमाने की जिद ने एक बड़े आदमी को भी कातिल बनाने की दिशा मे  आगे बढ़ा दिया। मरीज को बेहतर इलाज और सुविधाएं देने का दावा करने वाला ओरछा तिगैला स्थित रामराजा सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल मे  आज एक मरीज की मौत सवाल बनकर घूम रही है। आरोपों  के घेरे मे  आये हॉस्पिटल की नियत पर सवाल उठने लगे हैं। अभी आरोप लगा है, जांच मे  देखते क्या होता है?

करोड़ांे रूपयो के कारोबारी कैलाश गुप्ता महानगर की पहचान हैं। विवादों  के बीच अपने को तरक्की के सफर मे  हमसफर बनाते हुये आगे बढ़ रहे कैलाश गुप्ता ने दो दशको  मे  वो मंजिले  हासिल की, जो सदियो  की मेहनत मे  हासिल नहीं हो पाती।

साधारण से परिवार से आने वाले कैलाश गुप्ता कानपुर रोड पर कभी र्इंट का कारोबार करते थे। सहज और सरल स्वभाव के कैलाश का दिमाग पूरी तरह से व्यापारी है। उन्होने  अपने व्यापारी दिमाग की बदौलत झांसी होटल जैसे ऐतिहासिक होटल को ना केवल अपने कब्जे मे कर लिया, बल्कि उसके जीर्णोद्वार के नाम पर पूरा लुक ही बदल दिया। जबकि छावनी परिषद में नये निर्माण को लेकर कई नियम हैं।

बरहाल, झांसी होटल की गतिविधियो  से पहले आपको बीते दिनो  ओरछा तिगैला मे  बनाये गये रामराजा सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल की बात करते हैं।यहां आज एक अजीब वाकया सामने आया। इसमे  एक महिला मरीज की मौत हो गयी। जाहिर सी बात है कि इसे लेकर सवाल उठंेगे। सवाल उठे। परिजनो  ने सीधा आरोप लगाया कि मौत हॉस्पिटल मे  ही हो गयी थी, मरीज को जानबूझकर मेडिकल कालेज रेफर किया गया।

आपको पूरा मामला बताते हैं। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिला के पलेरा थाना क्षेत्र के लारोन गांव मे  रहने वाले अजय साहू की पत्नी आरती का पिछले कुछ दिनो  से रामराजा हॉस्पिटल मे  इलाज चल रहा था। आरती को श्वांस की बीमारी थी। पहले भी उसका कई जगह इलाज चला, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच किसी ने अजय को सलाह दी कि ओरछा तिगैला मे  खुले रामराजा हॉस्पिटल मे  अच्छे चिकित्सको  से उपचार किया जा रहा है।

अजय ही आर्थिक हालत अच्छी नहीं है, लेकिन पत्नी को ठीक कराने के लिये वो रामराजा हॉस्पिटल पहुंच गया। यहां आने के बाद तो जैसे अजय की जिन्दगी मे  काल ने कदम रख दिया। अजय का कहना है कि उसे तीन से यह नहीं बताया जा रहा था कि उसकी पत्नी की हालत कैसी है। पूछने पर यही कहा जाता था कि बेहतर इलाज किया जा रहा है।

अजय का आरोप है कि हॉस्पिटल प्रशासन ने जानबूझकर आरती के इलाज मे  लापरवाही बरती और उसे मरता हालत मे  कर दिया। अजय का यह भी आरोप है कि आरती की मौत हॉस्पिटल एम  ही हो गयी थी, लेकिन हॉस्पिटल वालांे ने जानबूझकर मेडिकल कालेज के लिये रेफर किया। हंगामा और विवाद बढ़ने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी।

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि परिजनो के आरोपों  की जांच की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ होगा। यहां सवाल यह है कि बुन्देली माटी को बेहतर बनाने का सपना दिखाने वाले अपने ही आंख पर क्यों  पैसे की पटटी  बांध लेते हैं?

 

 

 

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