आठवें दिन रानी झांसी कालीन ऐतिहासिक ताजिए पर प्रसाद वितरण करने पहुंचे डॉ० संदीप

झांसी। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की नगरी में हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक दुर्ग स्थित रानी महल के पास ताजिया को हिंदू मुस्लिम समुदाय के सभी लोग बड़े ही हर्षोल्लास से मोहर्रम का पर्व मानते हैं यह ताजिया काफी मान्यता का प्रतीक होता है झांसी के शहर कोतवाल द्वारा विधि विधान पूर्वक ताजिया रखा जाता है। यह परंपरा झांसी में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के समय से झांसी प्रचलित है। जिस ताजिया का नाम बाईसा ताजिया होता है रानी महल के निकटतम यह ताजिया बीते कई वर्षों से रखा जाता है इसी प्रथा को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई ताजिया इमाम बाड़ा कमेटी द्वारा हर वर्ष की भांति ताजिया रखा जाता है जिसमें शहर के कई गण मन लोग सरकत करते हैं भव्य आयोजन होता है।आज मुख्य अतिथि के रूप में संघर्ष सेवा समिति के अध्यक्ष संस्थापक वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी आठवें दिन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे इस दौरान लंगर भंडारे का आयोजन किया गया संदीप सरावगी द्वारा लंगर भंडारा वितरित किया गया जिसमें सैकड़ो लोगों ने लंगर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया वहीं समाजसेवी डॉ.संदीप सरावगी ने कहा कि हमारे संघर्ष सेवा समिति बिना किसी भेदभाव जातिवाद के निरंतर कई वर्षों से झांसी में कार्य कर रही है जो हमारी गंगा जमुनी तहजीब झांसी में एकता की मिशाल है बिना भेदभाव के मोहर्रम में सभी समुदाय एकत्र होते हैं। मुहर्रम का आठवां दिन चल रहा है। इसमें आग के शोलों पर चलते हुए या हुसैन के नारा लगाए जाने के बाद मेहंदी जुलूस निकाला जाता है मुहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख दिन है। इस मौके पर ताजिये यानी मोहर्रम का जुलूस निकाला जाता है। इस दिन शिया मुसलमान इमामबाड़ों में जाकर मातम मनाते हैं और ताजिया निकालते हैं। मुहर्रम की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा होता है, जो इस साल 17 जुलाई को होगा इस्लामी मान्यताओं के अनुसार कर्बला में एक युद्ध के दौरान इस दिन हजरत मुहम्मद के नवासे (नाती) हजरत हुसैन अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गए थे। इसमें उनके 6 महीने के पुत्र हजरत अली असगर भी शामिल थे। तभी से मुसलमान इस महीने में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मनाकर उन्हें याद करते हैं इस दौरान वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई ताजिया इमामबाड़ा कमेटी के अध्यक्ष अब्दुलराशिद ,मोहम्मद अकरम मंसूरी, शहनवाज आलम, सायमा खान (अल्पसंख्यक मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष), हाजी मुन्ना बाबू मंसूरी सुनील कुमार त्रिवेदी, अशोक कतरौलिया, रिजवान खान, मु० यूनुस मंसूरी (एडवोकेट), मनोज रेजा (व्यापार मंडल अध्यक्ष), सोकत अली (सेवा निर्वत हेड मास्टर) सलीम मंसूरी (जल संस्थान), अरुण द्विवेदी, मुकेश सिहाल (एडवोकेट), बलवीर लाले, मोहन नेपाली, जीवन (गार्ड), जावेद कुरेशी, राज कपूर यादव,संदीप नामदेव, आदि संघर्ष सेवा समिति के सदस्य मौजूद रहे।

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