झांसी मे एक सपाई ने बतायी राज्यसभा सांसद की हैसियत, मचा बवाल

झांसीः झांसी मे इन दिनो सपा मे जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। एक ओर जहां सपाईयो ने यह कहकर तहलका मचा दिया कि वो छात्र हित के लिये गुंडागर्दी से परहेज नहीं करेगे, तो शिवपाल खेमे के सपाई ने सीधे राज्यसभा सांसद को चुनौती देते हुये उन्हे उनकी हैसियत बता दी।

दरअसल, समाजवादी पार्टी मे चुनाव के दौरान जो हंगामा और तनातनी हुयी, वो जग जाहिर थी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी की कमान अपने हाथ मे  ले ली। इसको लेकर शिवपाल सिंह यादव काफी नाराज हुये थे। हालांकि अभी भी विवाद की चिंगारी सुलग रही  है।

शिवपाल सिंह यादव कई बार संकेते दे चुके हैं कि वो जल्द ही अलग पार्टी का गठन करेगे। उन्हांेने इसके लिये तैयारियां भी शुरू कर दी है। शिवपाल सिंह यादव को संगठन चलाने का खास अनुभव है। यही कारण है कि मुलायम सिंह यादव उनके मुरीद है।

संगठन मे मजबूत पकड़ वाले शिव पाल सिंह यादव को झांसी मे  अपने समर्थको का साथ मिल रहा है। यहां जमीनी स्तर पर काम करने का दावा करने वाले स्वदेश यादव उनके साथ खड़े हो गये हैं। उन्हांेने बीते रोज एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमे संकेतो मे  इशारा करते हुये राज्यसभा सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव को उनकी हैसियत बता दी।

कार्यक्रम मे कहा गया कि सपा मे चापलूसो की भरमार है। ऐसे लोगो  को राज्यसभा भेज  दिया गया, जिनकी हैसियत अपना पोलिंग बूथ जीतने की नहीं है। शिवपाल सिंह यादव युवा वाहिनी उप्र के प्रदेश अध्यक्ष स्वदेश यादव ने कहा कि एक साल से मुलायम सिह यादव व शिवपाल सिंह यादव का अपमान हो रहा है। इसको लेकर हम  लोग काफी दुःखी हैं। यह दुःख अकेले हमारा नहीं है। पूरे देश के करोड़ांे युवा इसमे  शामिल है।

यह सभी लोग शिवपाल सिंह का काफी सम्मान करते हैं। उन्हांेने कहा कि नेताजी जिनकी हैसियत ग्राम प्रधान बनने की नहीं थी, उन्हंे विधायक, मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का काम किया, यह लोग अपना पोलिंग बूथ तक नहीं जीत सकते। आज यह लोग मुलामय सिंह  यादव को धोखा दे गये।

यह धोखेबाज लोग हैं। हम सब जान गये है कि परिवार मे  एक शकुनी है। जिसकी वजह से आपको राष्टीय अध्यक्ष  पद से हटाया गया। स्वदेश यादव ने कहा कि यदि मुलायम सिंह यादव को पुःन राष्टीय अध्यक्ष नहीं बनाया गया, तो शिवपाल सिंह यादव युवा वाहिनी पूरे प्रदेश मे  आंदोलन करेगी।

उन्हांेने कहा कि हमे  सपा मे  धोखेबाज नेता नहीं चाहिये। संघर्षशील नेताओ   की जरूरत है। हम राम मनोहर लोहिया, जनेश्वर मिश्र आदि नेताओ  के पदचिन्हांे पर चलने वाले लोग हैं।

 

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