सदगुरु की कृपा से होती है बैकुण्ठ की प्राप्ति:राधामोहन
झांसी।ग्वालियर रोड सिविल लाइन स्थित कुंजबिहारी मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास बुंदेलखण्ड धर्माचार्य महंत राधामोहन दास महाराज ने कहा कि भगवान तो भाव के भूखे होते हैं।भगवान कृष्ण ने “दुर्योधन के मेवा त्यागे शाग विदुर घर खाई! सबसे ऊंची प्रेम सगाई।”उन्होंने सुंदर भजन सुनाया जिसे सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये।सदगुरु की महिमा का बखान करते हुए वे कहते हैं कि सदगुरु के चरणों की कृपा के चलते हमें बैकुण्ठ की प्राप्ति हो जाती है किंतु मन की चंचलता के कारण मन सत्संग में नहीं लगता।
प्रारम्भ में यज्ञाचार्य रामलखन उपाध्याय ने व्यास पीठ एवं पुराण पूजन कराया। तदुपरांत मुख्य यजमान श्रीमती शारदा श्यामदास गंधी ने महाराजश्री का माल्यार्पण कर श्रीमद भागवत पुराण की आरती उतारी।अंत में व्यवस्थापक परमानंद दास ने सभी का आभार व्यक्त किया।
अक्षय तृतीया से गुरुपूर्णिमा तक चलने वाली फूल बंगला श्रृंगार सेवा कुंजबिहारी मंदिर में अनवरत जारी है जिसके क्रम में भगवान को नित्य नया दिव्य एवं भव्य फूल बंगला भक्तों द्वारा संजाया जाता है जिसकी मनमोहक छठा देखते ही बनती है। कुंजबिहारी सरकारी के गर्भगृह में लवालव भरा पानी का कुंड उस पर तैरती पुष्प लतायें एवं मंदिर में फैली विद्युत की आकर्षक छठा मंदिर प्रांगण की सुंदरता में चार चांद लगा रही है, जिसे देख मंदिर में दर्शन हेतु आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु बरवस ही स्वयं को धन्य मानकर पुण्यलाभ अर्जित कर रहा है।