लिटिल बर्डसः ये बच्चों का स्कूल नहीं उनका घर है

झांसीः बच्चों को यदि मौज मस्ती के साथ पढ़ने का मौका मिले, तो वह रोते नहीं, बल्कि हंसी-खुशी से स्कूल को घर समझते हुये पढ़ते हैं। कुछ इसी थीम पर बनाये गये लिटिल बर्डस स्कूल के प्रबंधन से हमारे संवाददाता देवेन्द्र कुमार व रोहित जाटव ने बात की।

वैसे तो हमारे शहर में स्कूलांे की कमी नहीं है,लेकिन छोटे बच्चों को घर जैसा माहौल देते हुये उन्हे शिक्षित करने का विचार कुछ ही लोगांे के दिमाग में आता है। इसी विचार को लेकर लिटिल बर्डस स्कूल के प्रबंधन ने बच्चों को ज्ञान देने का बीड़ा उठाया। स्कूल की प्रिसिंपल ध्वनि सिंह ने बताया कि उन्हांेने बच्चांे को मस्ती के साथ पढ़ाई करने की थीम पर यह स्कूल खोला है। हमारे यहां बच्चे रोते हुये नहीं आते हैं।

उन्हे माता-पिता जबरन भी नहीं भेजते। बच्चों के अंदर एक उत्साह होता है। वो स्कूल में आकर चहकते रहते हैं। हमने बच्चों बेहतर शिक्षा देने का पूरा प्रबंध किया है। प्ले संेटर से सीनियर केजी तक की शिक्षा देने का काम किया जा रहा है। हम लोग एलईडी के जरिये बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं। स्कूल में पांच शिक्षिकाएं हैं। स्कूल में इन्वर्टर सुविधा है। बच्चों को लाने व ले जाने के लिये वाहन सुविधा है। छोटे बच्चों को भ्रमण पर भी ले जाया जाता है। उन्हंे हर पर्व से परिचित कराते हुये त्याहारांे को मनाया जाता है। अंग्रेजी व हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करायी जाती है। हम चाहते है कि बच्चों की बुनियाद मजबूत रहे। ताकि बड़े होकर वो हर ज्ञान को हासिल कर सके।

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