नई दिल्ली 25 जनवरी ।अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून में संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं एवं केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा।
आपको बता दें कि पिछले साल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम में सेक्शन 18 जोड़ दिया गया था, जिसने इस तबके के खिलाफ अपराधों को गैर जमानती बना दिया था । ऐसे में सरकारी कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए पुलिस को इजाजत लेने की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि रिटायर हो चुके जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने पिछले साल मार्च में एससी एसटी अत्याचार के मामले में तुरंत गिरफ्तार पर रोक लगा कर जांच की बात कही थी।
अपने आदेश में कोर्ट में यह भी कहा था कि सरकारी कर्मचारी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को नियुक्त करने वाले प्राधिकरण से इजाजत लेना होगी । गैर सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक की अनुमति लेना होगी।
इसके बाद sc-st समुदाय की नाराजगी और राजनीतिक दबाव में आकर केंद्रीय ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली थी मगर कोर्ट ने अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।