बीजेपी महिलाओ को 50 फीसदी आरक्षण देगी?

नई दिल्ली 23 सितम्बरः 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेजी महिला आरक्षण बिल को लेकर बड़ा दांव खेल सकती है। इस मामले मे  सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र के बाद माना जा रहा है कि पार्टी लोकसभा व विधानसभा मे  33 प्रतिशत एवं पंचायतों मे  50 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार कर रही है।

इसके लिये अध्यादेश लाये जाने की संभावना है। महिलाओ  का आरक्षण वाला मुददा कांग्रेस के शासन मे  बीजेपी पुरजोर तरीके से उठाती रही है। हालांकि कई राजनैतिक दल इसके समर्थन मे  होते हुये भी अंदरूनी तरीके से विरोध कर रहे हैं।

संविधान के 73वें व 74वें संशोधन के अनुसार जिसे 1993 में पास किया गया था, सभी ग्रामीण और शहरी निकायों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी। जिस वक्त चौधरी बीरेंद्र सिंह ने 2016 में 50 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव सामने रखा था, उस वक्त 16 राज्य पहले से ही इस कानून को पास कर चुके थे। लेकिन उसके बाद चार अन्य राज्यों ने भी इस कानून को पास किया है, जिसमें पंजाब भी शामिल है, जिसने इसी वर्ष जुलाई में इसे पास किया है। पंजाब सरकार की कमान संभालने के चार महीने के भीतर ही अमिरंदर सिंह सरकार ने इस कानून को पास कर दिया था।

हालांकि भाजपा शासित प्रदेश उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गोवा और जम्मू कश्मीर में अभी तक यह कानून पास नहीं किया गया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर भातर के राज्य मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में भी अभी तक इस तरह का कानून पास नहीं किया गया है। मंत्रालय के सूत्र का कहना है कि कुछ राज्यों ने इसके लिए लिए संविधान की विशेष धारा 243 (एम) का जिक्र किया है जो कहती है कि पंचायती राज से संबंधित संविधान की धारा उनपर लागू नहीं होती है।

आपको बता दें कि पूर्व में योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं के आरक्षण के खिलाफ अपना बयान दिया था। उन्होंने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा था कि महिला शक्ति को आजादी की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षा देने की जरूरत है और उन्हें बेहतर तरीके से चैनलाइज करने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि मौजूदा समय में जरूरत है कि ग्राम सभा, ग्राम पंचायत और स्थानीय निकाय में दिए जा रहे आरक्षण का मूल्यांकन किया जाए। इसके आधार पर इस बात का फैसला किया जाना चाहिए कि क्या जो महिलाएं पुरुषों की तरह राजनीतिक में सक्रिय हैं वह बतौर मां, बहन, बेटी के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का वहन कर पा रही हैं।

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