बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई, झांसी के ‘जरयाई’ परिवार ने निभाई अनूठी मिसाल

*झांसी।* आज जहां आधुनिकता की दौड़ में पारंपरिक रीति-रिवाज पीछे छूटते जा रहे हैं, वहीं झांसी के जरयाई (उरछुआर) परिवार ने एक मिसाल कायम करते हुए न सिर्फ दहेज रहित विवाह किया, बल्कि दुल्हन की विदाई डोली और फिर बैलगाड़ी से करवा कर ग्रामीण संस्कृति को पुनर्जीवित करने का कार्य किया।

इंजी. अभिजीत व बाबली की शादी 29 अप्रैल 2025 को झांसी में सम्पन्न हुई। दूल्हा पक्ष झांसी जनपद के चिरगांव ब्लॉक स्थित ग्राम जरयाई से ताल्लुक रखता है, हालांकि वर्तमान में वे झांसी शहर में ही निवासरत हैं। वहीं दुल्हन मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले के मुंगावली क्षेत्र की रहने वाली हैं, जो विवाह के लिए परिवार सहित झांसी ही आ पहुंचे थे।

इस शादी की सबसे खास बात यह रही कि विवाह पूरी तरह दहेज रहित रहा। बावजूद इसके लड़की पक्ष ने अपनी खुशी से कुछ भेंट स्वरूप चीजें दीं, जिससे दोनों पक्षों में आत्मीयता व प्रसन्नता बनी रही। दूल्हे के पिता ने बताया कि बैलगाड़ी से विदाई कर हम यह संदेश देना चाहते हैं कि आज की पीढ़ी अपनी जड़ों को न भूले और ग्रामीण संस्कृति को सहेज कर आगे बढ़ाए।

शादी के बाद दुल्हन की विदाई पहले पारंपरिक डोली में की गई, फिर बैलगाड़ी में बैठाकर उसे विदा किया गया। यह दृश्य देखने वाले हर व्यक्ति की आंखों में जहां भावुकता थी, वहीं संस्कृति के प्रति सम्मान का भाव भी।

जरयाई (उरछुआर) परिवार द्वारा निभाया गया यह अनूठा प्रयास आज के समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि आधुनिकता के साथ-साथ अपनी परंपराओं को जीवित रखना भी उतना ही जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *