बुविवि के कला संकाय के नव प्रवेशित विद्यार्थियों का अभिविन्यास कार्यक्रम
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कला संकाय के नव प्रवेशित विद्यार्थियों के अभिविन्यास कार्यक्रम के चौथे दिन इस्कान के प्रतिनिधि हरिकृपा दास ने विद्यार्थियों को गीता के अध्ययन, योग और उसके विविध आयामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि अच्छी आदतों को अपनाएं और सतत अभ्यास से उन्हें आत्मसात करें।
उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया को प्रकाश देने में लगा है। भारत ने चंद्रमा पर चंद्रयान भेजकर अपना झंडा फहरा दिया है। आगे और अच्छे काम करने हैं। हमें लगातार कुछ अच्छा करना होगा।
उन्होंने कहा कि खुश रहने के लिए फिट रहना जरूरी है। खुशी के लिए आई क्यू भी अच्छा होना चाहिए। साथ ही भावनात्मक आधार पर भी खुश होना चाहिए। इसके लिए मित्र होना जरूरी है। यही नहीं आध्यात्मिक रूप से भी हमें मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्म विश्वास ही हर कार्य में सफलता दिलाता है। उन्होंने सफल जीवन के लिए तीन मंत्र दिए। अच्छा बोलो। अच्छा सुनो। अच्छा देखो। आपकी पसंद ही भविष्य को तय करती हैं। उन्होंने कहा कि सफलता और सम्मान पाने के लिए मन को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।
उन्होंने गीता को अत्यंत प्रेरणादायक ग्रंथ बताया। उन्होंने कहा कि हम गीता के अध्ययन से बहुत से गुणों को विकसित कर सकते हैं। उन्होंने पावर आफ हैबिट्स पर पीपीटी के जरिए विद्यार्थियों को अच्छी आदतों के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि मस्तिष्क कैसे कार्य करता है।
आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. सी बी सिंह ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय का परिवेश उत्कृष्ट बनाने के लिए लगातार प्रयास करना चाहिए। प्रो सिंह ने
अनुशासन के महत्व को भी रेखांकित किया। प्रो सिंह ने युवाओं से पढ़ाई के साथ अपनी रचनात्मक गतिविधियों को भी विकसित करने कहा। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी को अपनी संचार क्षमता और कौशल के गुण को भी विकसित करना है। उन्होंने कहा कि यदि युवाओं की सोच अच्छी रही तो भारत विकास के मार्ग पर सदा आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने सोहनलाल द्विवेदी की रचना कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती सुनाकर सभी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।
मुख्य वक्ता डा. बृजेश पाण्डेय ने कहा कि ऊर्जा से लबालब युवाओं को सही दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सनातनी संस्कृति में सुनने की परंपरा अहम रही। अच्छा श्रोता बनकर ही ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का आह्वान किया।
इस कार्यक्रम में सहायक कुलसचिव सुनील सेन ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्नातक स्तर की पढ़ाई सबसे महत्वपूर्ण होती है। इस स्तर पर युवा अपने भविष्य की दिशा चुनते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सभी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
बुविवि के उप कुलसचिव दिनेश प्रजापति ने कहा कि युवाओं को अपना भविष्य बेहतर बनाने के लिए संजीदगी से काम करना चाहिए।
शुरुआत में कला संकाय अधिष्ठाता प्रो मुन्ना तिवारी ने इस्कान के प्रतिनिधि हरिकृपा दास और उनके साथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को एनईपी पर विशेष प्रस्तुति दी जाएगी। उन्होंने अभिविन्यास कार्यक्रम के महत्व को भी रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत भी किया गया।
इससे पूर्व एक वीडियो रील में अच्छी और बुरी आदतों को दिखाया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने कविता और गीत भी प्रस्तुत किए। इस्कान प्रतिनिधि महेश चंद्र ने स्प्रिचुअल और वेलनेस कोर्स के बारे में जानकारी दी। शिक्षकों ने विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इस कार्यक्रम में दैनिक जागरण के संवाददाता रघुबीर शर्मा को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों को भी स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
इस कार्यक्रम में डा. जय सिंह, उमेश शुक्ल, डा. कौशल त्रिपाठी, डा. राघवेन्द्र दीक्षित, अभिषेक कुमार, डा. नेहा मिश्रा, डा. मनीषा जैन, डा. शिप्रा वशिष्ठ, डा. ऋतु सिंह, डा. श्वेता पाण्डेय, डा. अजय कुमार गुप्त, डा. ब्रजेश सिंह परिहार, दिलीप कुमार, संतोष कुमार, डा. अचला पाण्डेय, डा. श्रीहरि त्रिपाठी, डा. प्रेमलता श्रीवास्तव, डा. शैलेंद्र त्रिपाठी, डा. द्युतिमालिनी, डा. शिल्पा मिश्रा, डा. राधिका चौधरी, डा. सुनीता वर्मा, डा. सुधा दीक्षित, डा अनूप कुमार, संतोष कुमार, गजेंद्र सिंह, डा. पुनीत श्रीवास्तव, अतीत विजय, देवेंद्र कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। संचालन डा. ज्योति मिश्रा ने किया।