विद्यार्थियों की सुरक्षा से संबंधित याचिका पर 15 सितंबर को सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वह देशभर के स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा और कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों को लागू करने की मांग करने वाली दो महिला वकीलों की याचिका पर 15 सितंबर को सुनवाई करेगा।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की पीठ ने कहा कि उसने गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में बर्बरता से मार दिये गये बच्चे के पिता की इसी प्रकार की अर्जी पर पहले ही नोटिस जारी कर दिया है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे पुरानी (याचिका) के साथ जोड़ देंगे।’’ पीठ ने न्यायालय की दो वकीलों आभा शर्मा और संगीता भारती की याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन तय किया।

वकीलों ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर मौजूदा दिशा-निर्देशों को लागू करवाने की मांग की है।

स्कूल बसों..वाहन में चढ़ने के साथ ही विद्यार्थियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूलों की हो, यह सुनिश्चित करने के लिए दोनों वकीलों ने अतिरिक्त मानदंड भी सुझाए हैं।

गौरतलब है कि गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में बर्बरता से मार दिए गए सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर के पिता वरुण ठाकुर की अर्जी पर कल न्यायालय की पीठ ने सुनवाई की थी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने इस तरह की घटनाओं के मामले में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी निर्धारित करने और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिये दिशानिर्देश बनाने के अनुरोध पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी जवाब मांगा है। बोर्ड को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देना है।

पीठ ने कल इस संबंध में केन्द्र, हरियाणा पुलिस, सीबीएसई और सीबीआई को नोटिस जारी किया है।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘‘यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव है।’’ बच्चे के पिता वरुण ठाकुर ने वकील सुशील टेकरीवाल के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि इस संबंध में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई से कराई जानी चाहिए।

गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में आठ सितंबर को बच्चे का गला रेता हुआ शव मिला था।

स्कूल के कंडक्टरों में से एक अशोक कुमार (42) को इस सिलसिले में उसी दिन गिरफ्तार किया गया था। कुमार ने कथित रूप से बच्चे का यौन उत्पीड़न करना चाहा और इसी दौरान उसकी हत्या कर दी।

 

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